Jharkhand Assembly Election 2019: एक नजर Kolebira Assembly सीट पर

punjabkesari.in Wednesday, Nov 20, 2019 - 11:28 AM (IST)

रांचीः झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर 5 चरणों में चुनाव होने जा रहे हैं। पहले चरण के तहत 30 नवंबर को 13 सीटों पर मतदान करवाए जाएंगे। वह 13 सीटें चतरा, गुमला, बिशुनपुर, लोहरगदरा, मनिका, लातेहार, पांकी, डालटनगंज, विश्रामपुर, छत्तरपुर, हुसैनाबाद, गढ़वा, भवनाथपुर हैं। इस खबर में हम आपको कोलेबिरा विधानसभा सीट के बार में बताने जा रहे हैं।

कोलेबिरा एसटी सीट झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से एक है। कोलेबिरा विधानसभा सीट, खूंटी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के तहत आता है। कोलेबिरा विधानसभा सीट झारखंड पार्टी और कांग्रेस के बीच चुनावी जंग का गवाह रहा है। 2005, 2009 और 2014 के चुनाव में इस सीट से एनोस एक्का ने जीत हासिल की थी। 2005 के चुनाव में कोलेबिरा से जनक्रांति पार्टी की टिकट पर एनोस एक्‍का विधायक चुने गए थे लेकिन 2009 और 2014 में झारखंड पार्टी की टिकट पर एनोस एक्का विधायक चुने गए हालांकि 2018 के उपचुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट नमन बिक्सल कोंगाडी ने कोलेबिरा में बाजी पलट दी है। कोंगाडी ने बीजेपी कैंडिडेट बसंत सोरेंग को 9 हजार 658 वोट से हराया था दरअसल एनोस इक्का पारा टीचर मर्डर केस में उम्र कैद की सजा काट रहे थे। इसलिए एनोस एक्का ने अपनी पत्नी मेनन इक्का को उपचुनाव में कोलेबिरा से खड़ा करवाया लेकिन मेनन एक्का बुरी तरह से हार गईं और कोलेबिरा सीट पर ‘पंजे’ का कब्जा हो गया।

2019 के आंकड़ों के मुताबिक कोलेबिरा विधानसभा सीट पर वोटरों की कुल संख्या 1 लाख 92 हजार 998 है। इनमें से पुरूष वोटरों की तादाद तकरीबन 97 हजार है जबकि महिला वोटरों की तादाद 95 हजार 983 है। 

एक नजर 2014 विधानसभा चुनावों के नतीजों पर 
2014 के विधानसभा चुनाव में कोलेबिरा सीट पर एनोस एक्का ने झारखंड पार्टी की टिकट पर जीत हासिल की थी। एनोस एक्का को कुल 48 हजार 978 वोट मिले थे जबकि बीजेपी कैंडिडेट मनोज नगेसिया 31हजार 835 वोट ही हासिल कर पाए थे यानी एनोस एक्का ने मनोज नगेसिया को 17 हजार 143 वोट से मात दे दी थी। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के लुईस कुजुर तीसरे स्थान पर रहे। लुईस कुजुर को तकरीबन 17 हजार वोट मिले थे।

एक नजर 2009 विधानसभा चुनावों के नतीजों पर 
वहीं 2009 के विधानसभा चुनाव में भी कोलेबिरा सीट से एनोस एक्का ने ही जीत हासिल की थी। एनोस एक्का ने चुनाव में 28 हजार 834 वोट हासिल किया था। वहीं बीजेपी कैंडिडेट महेंद्र भगत को 21 हजार 332 वोट ही मिल पाए थे। इस तरह से एनोस एक्का ने लगभग 75 सौ वोटों से महेंद्र भगत को हराने में कामयाबी हासिल की थी। वहीं कांग्रेस कैंडिडेट बैंजामिन तीसरे स्थान पर रहे। बेंजामिन 13 हजार 499 वोट ही हासिल कर पाए थे।

एक नजर 2005 विधानसभा चुनावों के नतीजों पर 
वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में भी कोलेबिरा सीट पर जीत का झंडा एनोस एक्का ने ही गाड़ा था। एक्का इस बार भी झारखंड पार्टी से ही चुनावी मैदान में उतरे थे। एक्का को 2005 में 34 हजार 67 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस कैंडिडेट थियोडोर किरो को चुनाव में 29 हजार 781 वोट ही मिल पाया यानी एनोश इक्का ने थियोडोर किरो को 4 हजार 286 वोट से मात दे दी। वहीं तीसरे स्थान पर निर्दलीय चतुर बार रहे। चतुर को महज 6 हजार 625 वोट ही मिल पाया था।

वहीं कोलेबिरा सीट से 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर नमन बिक्सल कोंगाडी को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं बीजेपी ने यहां से सुजन मुंडा पर भरोसा जताया है तो एनोश एक्का की बेटी आईरिन एक्का भी कोलेबिरा सीट से नामांकन कर चुकी हैं। 2005, 2009 और 2014 के चुनाव में जीत हासिल करने वाले एनोस एक्का तो चुनावी मैदान से बाहर हैं। 2018 के उपचुनाव में एनोस एक्का की पत्नी मेनका एक्का पहले ही हार चुकी हैं।

देखने वाली बात ये होगी की क्या 2019 में आईरिन एक्का अपने पिता एनोस एक्का का करिश्मा दोहरा पाएगी। वहीं कांग्रेस कैंडिडेट नमन बिक्सल कोंगाड़ी के सामने उपचुनाव में मिली जीत को बरकरार रखने की चुनौती है। वहीं बीजेपी ने सुजन मुंडा पर भरोसा जताया है। सुजन मुंडा कोलेबिरा के लिए एक नए सियासी चेहरे हैं। इसलिए कोलेबिरा में पहली बार कमल खिलाने की कठिन चुनौती सुजन मुंडा के सामने है। तमाम दिग्गजों के बीच शह और मात की जंग में कोलेबिरा की जनता किसका राजतिलक करेगी। ये तो वक्त ही बताएगा।

 

Nitika