कैबिनेट बैठक: गरीब सवर्णों को शैक्षणिक संस्थानों में 10% आरक्षण, कुल 17 प्रस्तावों पर लगी मुहर

punjabkesari.in Wednesday, Jul 17, 2019 - 02:43 PM (IST)

रांची: झारखंड सरकार ने अपनी घोषणा के अनुरूप फैसलों को लागू करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ चालू सत्र (2019-20) से दिया जाएगा। राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को बैठक में इस फैसले के साथ-साथ कुल 17 प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगा दी है।

रांची व जमशेदपुर में पीपीपी मोड पर विद्युत वितरण लाइसेंसी मॉडल को स्वीकृति प्रदान की गई है जिसके तहत निजी एजेंसियों को इस कार्य में लगाया जा सकता है। इसके लिए एक ट्रांजेक्शन एडवाइजरी की नियुक्ति होगी और इसे लागू करने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। इसके अतिरिक्त अंबेडकर आवास योजना में संशोधन भी राज्य कैबिनेट का एक महत्वपूर्ण कदम है।

झारखंड में अब सरकारी, निजी एवं पीपीपी मोड पर संचालित एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थानों में शैक्षणिक वर्ष 2019-20 से आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों के वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है।

यह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (अनुसूची-1), पिछड़ा वर्ग (अनुसूचित-2) वर्गों को छोड़कर अन्य के लिए लागू होगा। एआईसीटीई के दिशा-निर्देश को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त परिस्थिति में लागू यह आरक्षण संस्थानों में एआईसीटीई से स्वीकृत कुल सीटों के अतिरिक्त होगा। मतलब यह कि अगर किसी विषय में 100 छात्रों का नामांकन होता है तो अब यह आंकड़ा 110 होगा जिसमें 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित सीटें होंगी।

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना के तहत लाभुकों के चयन में संशोधन की स्वीकृति दी गई है। इस संशोधन के साथ यह योजना सबसे संवेदनशील आवास योजना बन जाएगी। आवास विहीन अथवा एक कच्चे कमरे के मकान में रहने वाले परिवार जिनका नाम सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना के आंकड़ों से बाहर है, उन्हें भी अब ग्राम सभा से अनुमोदन के बाद उपायुक्त द्वारा जांच पूरी कर आवास की स्वीकृति दिए जाने का निर्णय लिया गया है।

प्रत्येक जिला को इस वर्ष ऐसे मामलों के लिए 250 इकाई आवास स्वीकृत करने की अनुमति भी दी गई है। यह भी तय किया गया है कि आवास यथासंभव महिलाओं के नाम पर ही स्वीकृत किया जाएगा यदि परिवार में कोई महिला न हो तो उस घर की बेटी अथवा परिवार के मुखिया की सहमति से परिवार के किसी अन्य सदस्य का नाम से आवास आवंटित किया जाएगा।

कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के उस प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान कर दी है जिसके तहत झारखंड का स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए अंचलाधिकारियों को अधिकृत करने की बात कही गई है। अंचलाधिकारियों के स्तर से जारी किया गया स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र धारक के जीवन काल तक सभी कार्यों के लिए मान्य होगा।

रांची व जमशेदपुर में बिजली वितरण के क्षेत्र में निजी कंपनियों को मौका मिलेगा
राज्य में विद्युत वितरण के क्रम में बड़े पैमाने पर ट्रांजेक्शन लॉस, कम बिलिंग और कम कलेक्शन जैसी समस्याओं से सरकार का पीछा अभी तक नहीं छूटा है। ऐसे में खराब वित्तीय स्थिति झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की पहचान सी बन गई है। इस स्थिति से मुक्ति पाने के लिए सरकार ने बिजली वितरण और बिल कलेक्शन जैसे कार्यों के लिए निजी क्षेत्रों को शामिल करने का नीतिगत फैसला ले लिया है। इसके तहत एक ट्रांजेक्शन एडवाइजरी की नियुक्ति होगी और विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी कमेटी इसके लिए सुझाव देगी।

अन्य महत्वपूर्ण फैसले

1. बाबा बैद्यनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय देवघर की स्थापना के लिए झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2018 के अनुमोदन की स्वीकृति दी गई। राज्य में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए तथा संस्कृत पढ़ाने वाले महाविद्यालयों को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा संस्कृत भाषा के पठन-पाठन के लिए समर्पित विश्वविद्यालय के गठन करने का विचार किया गया है।

2. झारखंड राज्य खाद्य आयोग के अधीन सृजित राजपत्रित एवं अराजपत्रित पदों के अलावा 6 अतिरिक्त अन्य पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।

3. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार विभिन्न बोर्ड/निगम के समायोजित 23 लिपिकीय कर्मियों को एसीपी/एमएसीपी का लाभ स्वीकृति के बाद 2 करोड़ रुपये की अग्रिम निकासी की घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

4. रांची में दिव्यांगजनों के पुनर्वास एवं विशेष शिक्षण के लिए कम्पोजिट रीजनल सेंटर (सीआरसी) स्थापना के लिए भवन निर्माण तथा इसके संचालन के लिए राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांग संस्थान (एनआईएलडी), कोलकाता को मुफ्त जमीन नहीं दी जाएगी बल्कि पूर्व से निर्मित भवन में ही इसे संचालित किया जाएगा।

5. विभिन्न नियुक्त वर्ष में नियुक्त शिक्षकों नियुक्ति की तिथि के आधार पर ग्रेड-1 में उनकी वरीयता का निर्धारण विभागीय संकल्प संख्या-3027, दिनांक 14 दिसंबर 2015 के अनुरूप करने की स्वीकृति दी गई।

6. पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत मौजा किरीबुरू/ मेघाहातुबुरू आदि (करमपदा रक्षित वन) के रकबा-1936.06 हेक्टेयर, 879.439 हेक्टेयर एवं 81.97 हेक्टेयर क्षेत्र पर स्टील अथॉरिटी आफ इंडिया लिमिटेड द्वारा आधारित 3 लौह अयस्क खनिज के खनन पट्टों के 27 मार्च 2030 तक के लिए अवधि विस्तार की स्वीकृति दी गई।

7. अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य के लिए तत्कालिक व्यवस्था के तहत सर्विस प्रोक्योरमेंट के आधार पर चयनित अंशकालीन शिक्षकों से कार्य लिए जाने की अवधि विस्तार (14/4/2020 तक) की स्वीकृति दी गई।

8. गिरिडीह जिला अंतर्गत हेसला- बेको पथ कुल लंबाई 29.925 किलोमीटर को ग्रामीण विकास विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित करते हुए चौड़ीकरण, मजबूतीकरण एवं पुनर्निर्माण कार्य के लिए 69 करोड़ 24 लाख 93 हजार रुपये खर्च करने की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

9. देवघर जिला अंतर्गत लालगढ़- लखा-नावाडीह कसियाबा-चोबाना-जिलुवा-बसकोपी पथ कुल लंबाई 9.728 किलोमीटर के पुनर्निर्माण कार्य के लिए 28 करोड़ 2 लाख खर्च करने को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

आदिवासियों के लिए मांझी थान शेड निर्माण योजना के लिए विभागीय संकल्प (9 जनवरी 2018) में संशोधन की स्वीकृति दी गई। महत्वपूर्ण यह है कि संताल परगना के बाहर किसी जिले में भी संताल जनजाति की बहुलता पाई जाती है तो उन गांव में भी यह योजना क्रियान्वित की जाएगी।

Edited By

Jagdev Singh