राष्ट्रीय बालिका दिवस पर CM ने बेटियों को दी बधाई, कहा- सरकार हर कदम पर आपके साथ

punjabkesari.in Thursday, Jan 24, 2019 - 03:53 PM (IST)

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुरुवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर सभी बेटियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में बेटियों को कहा कि आप मन लगाकर पढ़ाई करें और प्रत्येक क्षेत्र में झारखंड का नाम रोशन करें, राज्य सरकार हर कदम पर आपके साथ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को समाप्त करने के लक्ष्य के साथ राज्य में मुख्यमंत्री सुकन्या योजना की शुरुआत हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नारा दिया बेटी बचओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दिया है, इसी मूल मंत्र पर चलते हुए राज्य सरकार ने बेटियों के लिए यह योजना की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुकन्या योजना का लाभ लेने के लिए आपको किसी दफ्तर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। डीबीटी के माध्यम से पैसा सीधे आपके खाते में भेजा जाएगा। बेटियों को समान अधिकार मिले, उनके सपनों को साकार करने में सरकार हर कदम पर उनके साथ है। मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के माध्यम से बेटियों की पढ़ाई-लिखाई और विदाई तक सरकार उनके साथ खड़ी रहेगी। 

सीएम ने कहा कि इस शुभ अवसर पर वह आदिवासी समाज को साधुवाद देना चाहते हैं। आदिवासी संस्कृति में बेटियों को मान-सम्मान दिया जाता है। हमें उनसे यह सीखने की जरुरत है। भ्रूण हत्या करना पाप है। अगर कोई भी इसमें दोषी पाया जाएगा तो उसपर सख्त कार्रवाई होगी। भ्रूण हत्या करने या करवाने वालों की जगह सिर्फ होटवार जेल है। बेटियां हमारी शान, हमारी अभिमान हैं। बेटियों के लालन-पालन और पढ़ाई के लिए सरकार 7 किश्तों में 40 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देगी। इसके साथ ही शादी के लिए कन्यादान योजना के अंतर्गत अलग से 30 हजार रुपए की आर्थिक मदद भी की जाएगी। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से ड्रॉप आउट की समस्या का भी हल निकलेगा। बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने में यह योजना प्रभावशाली साबित होगी। 

रघुवर दास ने कहा कि वह सभी राजनीतिक, सामाजिक संगठनों और यहां कार्यक्रम में आई बेटियों और उनके अभिभावकों से अपील करते हैं कि मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के बारे में सभी को बताएं। गांव-गांव इसका प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने कहा कि मेरी मां ने मुझे हमेशा पढ़ने-लिखने की प्रेरणा दी। मैं राज्य के सभी अभिभावकों से अपील करता हूं कि बेटा-बेटी में फर्क ना करें। बच्चों को पढ़ने-लिखने और खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। शिक्षा ही समृद्धि की कुंजी है।

Nitika