लातेहार में CM रघुवर दास ने कहा-बेटियां अब बोझ नहीं, लड़कों से नहीं किसी मामले में कम

punjabkesari.in Monday, Feb 11, 2019 - 06:31 PM (IST)

लातेहार: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास (Chief Minister Raghubar Das) ने लातेहार जिले (Latehar district) के दौरे के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षित महिला दो घरों में बेहतर संस्कार दे सकती है, इस कारण बेटियों को शिक्षित करना अतिआवश्यक है। साथ ही उन्होंने कहा कि ने हमारी सरकार बेटियों की पढ़ाई लिखाई से लेकर बिदाई तक का ख्याल रख रही है। लातेहार के खेल स्टेडियम (Sports stadium) में पलामू प्रमंडल स्तरीय मुख्यमंत्री सुकन्या योजना (Palamu divisional level Chief Minister Sukanya Yojna) का शुभारंभ समारोह (Launch ceremony) का आयोजन किया गया।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान लगभग पांच अरब रुपये की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन (Fundraising and inauguration of plans of five billion rupees) किया। उन्होंने कहा कि बेटियां अब बोझ नहीं हैं, किसी मामले में वो लड़कों से कम नहीं। कुछ लोगों की गलत मानसिकता के कारण आज भ्रूण हत्या हो रही है। शहरों में इसका प्रचलन ज्यादा है। अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) के माध्यम यह पता करने की होड़ होती है कि लड़की है या लड़का। लड़की होने पर भ्रूण हत्या करवा दी जाती है जो कि एक जघन्य अपराध है।

सीएम रघुवर ने झारखंड के डॉक्टरों से भी अपील की है कि पैसों के लालच में इस प्रकार की जांच ना करें। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों, आदिवासियों और दलितों की तारीफ करते हुए कहा कि यह लोग वर्तमान समय में लड़के और लड़कियों में फर्क नहीं करते हैं। हरियाणा (Haryana) में लिंगानुपात (Sex ratio) में भारी अंतर का उदाहरण देते हुए कहा कि झारखंड में वर्तमान समय में स्थिति अच्छी है, लेकिन हमें इसे और बेहतर बनाना है।

बच्चियों के लिए सरकार विद्यालयों में ही रजिस्ट्रेशन (Registration) करवाने का इंतजाम कर रही है ताकि उन्हें भटकना न पड़े। मुख्यमंत्री ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण सातवीं आठवीं कक्षा के बाद ड्रॉपआउट (Drop out) की शिकायतें आ रही थीं। जिसके कारण सरकार ने मुख्यमंत्री सुकन्या योजना शुरू की है, जिसके तहत विभिन्न कक्षा और उम्र में तय राशि मिलेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि कन्यादान (Kanyadan) से भी बड़ा है शिक्षा दान पहले शिक्षित करें, उसके बाद ही विवाह करें। इस दौरान करीब 4000 से अधिक बच्चियों के बीच डीबीटी के माध्यम से राशि का वितरण किया गया।

prachi