अब झारखंड लौट रहे प्रवासी मजदूरों को मिलेगा रोजगार, CM ने की 3 योजनाओं की शुरुआत

punjabkesari.in Monday, May 04, 2020 - 07:39 PM (IST)

रांचीः कोरोना वैश्विक महामारी के चलते पूरा देश इस समय कठिन परिस्थिति से जूझ रहा है। साथ ही लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे कई लोग इस समय भुखमरी जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं। वहीं अब गृह मंत्रालय के द्वारा दी गई छूट के बाद प्रवासी श्रमिकों की अपने-अपने राज्यों में घर वापसी हो रही है। उन मजदूरों को रोजी-रोटी से संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 3 योजनाओं की शुरुआत की है। ये 3 नई योजनाओं हैंः-
- बिरसा हरित ग्राम योजना
- नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना
- वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए शुरू की गई इन योजनाओं से ग्रामीणों को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व कोरोना से जूझ रहा है। झारखंड जैसे पिछड़े राज्य के लिए ऐसी आपदा और संक्रमण एक चुनौती लेकर आया है।
 

85 फीसदी लोग गांव में करते हैं निवासः सीएम
हेमंत सोरेन ने कहा कि 85 फीसदी लोग गांव में निवास करते हैं। उनका मुख्य रोजगार खेतों पर निर्भर है। महामारी के इस दौर में उद्योग बंद है। उद्योगों को खोलने का लगातार प्रयास जारी है। ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए सरकार ने इन योजनाओं की शुरुआत की है।

बिरसा हरित ग्राम योजना का लक्ष्य
बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत ग्रामीणों को फलदार वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। ग्रामीणों को 100-100 पौधों का पट्टा दिया जाएगा। इससे उन्हें एक साथ दोहरा लाभ मिलेगा। एक तो पौधों का पट्टा मिलेगा, वहीं पेड़ों के सुरक्षित रखने के लिए सरकार आर्थिक सहयोग भी करेगी।

वीर शहीद पोटो हो खेल योजना का उद्देश्य
इसके तहत पूरे राज्य में पंचायत स्तर पर खेल का मैदान बनाने का निर्णय लिया है। राज्य में खेल की असीम संभावनाएं हैं। यहां के खिलाड़ियों ने देश-दुनिया में नाम कमाया।पंजाब, हरियाणा की तरह यह राज्य में भी खेल की दिशा में आगे बढ़ेगा। खेल मैदान के अभाव में खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल पाता है। अब सरकार इस दिशा में गंभीर प्रयास शुरू कर दी है।

नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना का लाभ
राज्य में कई डैम बने लेकिन इसका लाभ सही रूप में ग्रामीणों को नहीं मिल पाया है। सिंचाई के अभाव में किसान एक फसल पर ही निर्भर थे लेकिन इस योजना के माध्यम से किसान अब 3 फसलों तक उत्पादन कर सकेंगे। इस योजना के तहत भूमिगत जल की बढ़ोतरी में भी लाभ मिलेगा। बंजर भूमि को खेती योग्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सूखाग्रस्त इलाकों को इस योजना से काफी लाभ मिलेगा।


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Nitika

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