स्टांप पेपर की कालाबाजारी रोकने के लिए अब कोर्ट फीस का होगा ऑनलाइन भुगतान

punjabkesari.in Sunday, Oct 06, 2019 - 01:07 PM (IST)

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने स्टांप पेपर की कालाबाजारी रोकने के लिए ऑनलाइन कोर्ट फीस भुगतान को लेकर कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए राजस्व विभाग ने माड्यूल भी तैयार कर लिया है। अब बस इसके लिए नियमावली गठन करने का इंतजार किया जा रहा है। राजस्व सचिव केके सोन ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर नियमावली बनाने का अनुरोध किया है।

कोर्ट फीस स्टांप की पूरे राज्य में कमी के कारण न्यायिक कार्य प्रभावित हो रहा है। हाईकोर्ट में भी दो, तीन, पांच और दस रुपये के स्टांप नहीं मिल रहे हैं। इनकी जगह पर बीस रुपये या उससे ऊपर के स्टांप लगाने पड़ रहे हैं। इसे देखते हुए राजस्व विभाग ने 25 सितंबर 2019 को पत्र लिखकर हाईकोर्ट से कहा है कि ऑनलाइन कोर्ट फीस के भुगतान माड्यूल को लाइव करने से स्टांप की कमी और कालाबाजारी को रोकने में सहायता मिलेगी। साथ ही सरकार को कोर्ट फीस की छपाई पर होने वाले व्यय की भी बचत होगी। विभाग की ओर से इसको लेकर हाईकोर्ट को कई बार पत्र लिखा गया है।

कोर्ट फीस के ऑनलाइन भुगतान के लिए नियमावली बनाने के लिए झारखंड हाईकोर्ट को राजस्व विभाग तीन बार पत्र लिख चुका है। राजस्व विभाग की ओर से 28 जनवरी 2019 को पत्र लिख कर कहा गया कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस कार्यक्रम के अंतर्गत कोर्ट फीस के ऑनलाइन भुगतान का निर्देश दिया गया है। इसे लेकर विभाग द्वारा कोर्ट फीस (संशोधन) अधिनियम-2017 पर राष्ट्रपति की सहमति ली गई है। इसपर विभागीय स्तर पर बैठक हुई और हाईकोर्ट से नियमावली बनाने के आग्र्रह पर सहमति बनी। इसके बाद उक्त पत्र लिखा गया।

इसके लिए विभाग की ओर से दोबारा 14 जून 2019 को पत्र लिखकर हाईकोर्ट से नियमावली बनाने का आग्र्रह किया गया है। इसमें कहा गया है कि कोर्ट फीस के ऑनलाइन भुगतान के लिए माड्यूल विकसित कर लिया गया है और हाईकोर्ट के संयुक्त रजिस्ट्रार को डेमो भी दिया गया है। इस माड्यूल को लाइव करने के लिए हाईकोर्ट ने नियमावली गठित का निर्देश दिया है। ताकि ऑनलाइन पेमेंट कोर्ट फीस माड्यूल को लाइव किया जा सके।

Edited By

Jagdev Singh