आदिवासी बहुल गांवों का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताः मुख्यमंत्री

punjabkesari.in Thursday, May 10, 2018 - 10:51 AM (IST)

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को झारखंड मंत्रालय में ग्राम विकास समिति और आदिवासी विकास समिति के द्वारा किए जाने वाले कार्यों के निर्धारण के लिए बैठक की। बैठक में सीएम ने कहा कि राज्य के आदिवासी और अनुसूचित जाति बहुल गांवों का विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इन क्षेत्रों में सरकार की योजनाएं सही तरीके से पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी को ध्यान में रखकर आदिवासी विकास समिति और ग्राम विकास समिति की परिकल्पना की गई है। गांव के लोग समिति में रखे गए हैं। समिति ही गांव में छोटी-छोटी विकास योजनाओं को तय करेगी। 

जनसहयोग से योजनाओं के क्रियान्वयन में आएगी तेजी 
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सरकार मॉडल एस्टिमेट के अनुसार तय राशि समिति को दे देगी। योजना की 80 प्रतिशत राशि समिति को दी जाएगी और बाकी 20 प्रतिशत श्रमदान के माध्यम से गांव वाले खर्च करेंगे। पहले चरण में डोभा, बोरा बांध, कुआं, तालाब, चेकडैम आदि की जरूरत समिति बैठक कर तय करे। इसे बनाने की राशि समिति के बैंक खाते में आ जाएगी। गठित की जा चुकी सभी समितियों को 16 से 23 मई तक बैठक कर इसे तय कर लेना है। इसके बाद जल्द से जल्द राशि निर्गत करें, जिससे समय रहते काम शुरू हो सके। जनसहयोग से योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी। 

गांव के बेरोजगार युवकों को भी मिलेगा रोजगार 

रघुवर दास ने कहा कि गांव के लोगों पर भरोसा करना चाहिए। ग्रामीण कभी गड़बड़ी नहीं करेंगे। राशि उन्हें मिलने के बाद वह बेहतर तरीके से खर्च कर योजना का लाभ लेंगे। अब तक केवल अधिकारियों के माध्यम से योजनाओं का कार्यान्वयन होता रहा था। ‘हमारा गांव हम करेंगे विकास’, इस सोच से ग्रामीण अपने गांव का विकास करेंगे। अब आदिवासी विकास समिति और ग्राम विकास समिति के माध्यम से काम कराने से बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी। गांव के बेरोजगार युवकों को भी रोजगार मिलेगा। कई मुखिया ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, वह शोषक हो गए हैं। समिति के माध्यम से काम कराने पर मुखिया पर से निर्भरता समाप्त होगी। गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना, एलपीजी कनेक्शन देने आदि में रिश्वतखोरी की सूचना मिल रही है, वैसे मुखिया पर कार्रवाई की जाएगी।

Nitika