धनबाद पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 5 साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार

punjabkesari.in Friday, Jan 11, 2019 - 02:03 PM (IST)

धनबाद: एटीएम (ATM) बदलकर रुपये की अवैध निकासी (Invalid clearance) करने की घटनाएं तो कई बार सुनने को मिली हैं, पर अब एटीएम की क्लोनिंग (Cloning of ATMs) कर रुपये निकालने की घटनाएं सामने आ रही हैं। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गुरुवार (Thursday) को तेतुलमारी (Tetulmari) से राहुल कुमार नामक साइबर अपराधी को हिरासत में लिया (A cyber criminal named Rahul Kumar detained)। मूल रूप से बिहार के भोजपुर (Originally from Bhojpur in Bihar) का रहने वाला राहुल कुमार तेतुलमारी में रहता था। वह कई वर्षो से साइबर अपराध से जुड़ा था। उसकी निशानदेही पर तेतुलमारी निवासी संजय कुमार, विशाल कुमार बाउरी, अमित कुमार सिंह मनोज कुमार उर्फ मौजी (Sanjay Kumar, Vishal Kumar Bauri, Amit Kumar Singh Manoj Kumar alias Maoji) को हिरासत में ले लिया।

पुलिस ने पाचों अभियुक्तों के पास से कुल 77,500 रुपये (77,500 Rupees) नगद, कई अलग-अलग लोगों के नाम से चेक बुक, डेबिट कार्ड, लैपटॉप, 10 ब्लैंक एटीएम कार्ड सहित सात मोबाइल फोन (Seven mobile phones with check book, debit card, laptop, 10 blank ATM cards) बरामद किए हैं। इसके अलावा पुलिस ने साइबर अपराधियों के पास से एक स्कीमर और पंचिंग मशीन (A skimmer and punching machine) भी बरामद की है।

अब साइबर अपराध करने का तरीका बदल रहा है। साइबर अपराधी किसी भी एटीएम धारक की मदद करने के नाम पर एटीएम कार्ड लेकर चालाकी से स्कीमर में स्वाइप (Swipe) कर लेते हैं, जिससे एटीएम से संबंधित सारा डेटा उक्त स्कीमर में आ जाता है। उक्त डाटा को पंचिंग मशीन में डालकर ब्लैंक एटीएम कार्ड में अपलोड कर एटीएम कार्ड की क्लोनिंग की जाती है, फिर ये अपराधी किसी भी एटीएम में जाकर पैसे की निकासी कर लेते हैं।

साइबर अपराधी एटीएम बूथ में धोखे से पिन देखने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा वे स्पाई कैमरा (Spy camera) का इस्तेमाल करते हैं। पिन डालते समय कीपैड (Keypad) को देखते हैं कभी-कभी कीपैड नहीं देख पाते तो कैमरे में रिकार्ड उंगलियों के मूवमेंट को देख कर यह अंदाजा लगा लेते हैं कि क्या पिन डाला गया है। इसके बाद ठगी की घटना की जाती है।

यह साइबर अपराधी किसी ऑनलाइन शॉपिंग ( online shopping) से अमेजॉन या फ्लिपकार्ट (Amazon or flipkart) जैसे ऑनलाइन शॉपिंग से 20 हजार रुपये खर्च करके स्कीमर खरीदते हैं। इस मशीन के साथ ब्लैंक एटीएम कार्ड (Blank ATM card) भी मिलता है। गिरोह द्वारा रुपए की अवैध निकासी करने के लिए रात का समय चुना जाता है। रात का समय होने के कारण कार्डधारक को पता नहीं चल पाता है। सुबह जब कार्ड धारक को मैसेज के माध्यम से जानकारी मिलती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

बिहार के कतरीसराय और फतेहपुर गया में अपराधियों का मुख्य ठिकाना है (The main place of the criminals in Bihar's Qatarsarai and Fatehpur Gaya)। ज्यादातर अपराध के मामले इन्हीं दो स्थानों से आ रहे हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल का वर्धमान, उड़ीसा और झारखंड के सिमडेगा, रामगढ़, खूंटी, धनबाद, बोकारो, जामताड़ा (Vardhaman of West Bengal, Orissa and Simdega, Ramgarh, Khunti, Dhanbad, Bokaro, Jamtada of Jharkhand) आदि जिलों में इस गिरोह की सक्रियता पाई गई है। अपराधियों ने पूछताछ के दौरान साइबर अपराध के 8 मामलों में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। इनके चार और साथी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। पुलिस उनको पकड़ने का प्रयास कर रही है।

20 सितंबर को धनबाद रेलवे स्टेशन के एसबीआई एटीएम (SBI ATM of Dhanbad Railway Station) के पास पुलिस कार्रवाई के दौरान पकड़ा गया विशाल कुमार बाउरी  (Vishal Kumar Bauri) मौके से भागने में कामयाब रहा था, जबकि इसका साथी राहुल कुमार नोनिया (Rahul Kumar Noniya) को पुलिस ने पकड़ लिया था। पुलिस ने उसके पास से कई एटीएम कार्ड, आधार कार्ड व अन्य पहचान पत्र सहित 45000 कैश (45000 cash) बरामद किया था और एक क्लोनिंग एटीएम भी बरामद किया था।

prachi