राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने 3 दिवसीय डॉक्टर रामदयाल मुंडा जंयती कार्यक्रम का किया उद्घाटन

punjabkesari.in Saturday, Aug 24, 2019 - 06:11 PM (IST)

रांची: झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने तीन दिवसीय डॉक्टर रामदयाल मुंडा जंयती कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान कल्याण विभाग ने टीआरआई में राष्ट्रीय जनजातीय अखरा-2019 का आयोजिन किया है। इस अखरा में 12 से अधिक राज्यों के जनजातीय समुदाय के लोग हिस्सा ले रहे हैं। तीन दिन तक यहां रहकर एक दूसरे के कला, संस्कृति एवं भाषा का अदान-प्रदान करेंगे।

इस दौरान राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यह बहुत ही ऐतिहासिक क्षण है जब इस तरह का आयोजन रांची में हो रहा है। इस तरह के आयोजन हर राज्य में होना चाहिए। इससे देश में निवास करने वाले 10 करोड़ आदिवासी एक दूसरे के करीब आएंगे। उन्होंने कहा कि पहले हमारे जनजातीय समुदाय के लिपि नहीं होती थी। मगर हमारे विद्बानों ने अब लिपि खोज निकाली है। इसलिए प्रत्येक आदिवासी का यह दायित्व है कि वे अपनी-अपनी भाषा का अपनाएं। स्कूली शिक्षा अपनी भाषा में करें।

राज्यपाल ने कहा कि एक व्यक्ति को तीन भाषा, हिंदी, अंग्रेजी एवं अपनी क्षेत्रीय भाषा का ज्ञान अवश्यक होना चाहिए। भाषा एवं संस्कृति से जुड़े रहने से न केवल वे अपनी मिट्टी से जुड़े रहेंगे बल्कि देश के विकास में अहम योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड पांचवी अनुसूची क्षेत्र है। यहां पर पेसा कानून लागू है। इसलिए यह देखना जरूरी है कि वनाधिकार कानून एवं पेसा का पालन कैसे हो रहा है। 

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी जनजातियों का आपेक्षित विकास नहीं होना चिंता का विषय हमारी आर्थिक एवं सामजिक व्यवस्थाएं कैसी हैं। यह भी देखना जरूरी है। राष्ट्रीय जनजातीय अखरा में झारखंड, अरूणाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, असम, मेघालय, त्रिपुरा, उड़ीसा, मिजोरम, बंगाल सहित कई राज्यों के जनजातीय समुदाय के लोग ले रहे हैं हिस्सा। कार्यक्रम के पहले दिन शुक्रवार को आदिवासी साहित्य पर आदिवासी कविता, आदिवासी कहानी, आदिवासी उपान्यास, नाटक एवं अन्य विधाएं का आयोजन हुआ।

 


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Edited By

Jagdev Singh

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