वन नेशन वन इलेक्शन पर बोेले हेमंत- राज्यों के अधिकार छीनने की बड़ी साजिश

punjabkesari.in Thursday, Jun 20, 2019 - 11:49 AM (IST)

रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वन नेशन, वन इलेक्शन के मुद्दे पर सभी दलों को साथ लाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। कई राजनीतिक दल इसे देश के विकास के लिए अच्छा बता रहे हैं, तो कई इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक मान रहे हैं। दिल्ली में इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक हुई। झारखंड में इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह राज्यों के हक और अधिकार छीनने की बड़ी साजिश है। राज्य सरकारों की विफलताओं पर पर्दा डालने का प्रयास है। इससे चुनाव के दौरान राज्यों के मुद्दे दब जाएंगे, जबकि राष्ट्रीय मुद्दे हावी होंगे।

वहीं झामुमो से अलग कांग्रेस ने इसका समर्थन किया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि यह अच्छा प्रयास है, लेकिन इस पर सभी राजनीतिक दलों के साथ- साथ चुनाव आयोग एवं विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों से भी राय लेनी चाहिए। वन नेशन, वन इलेक्शन से समय और खर्च दोनों बचेंगे, लेकिन लागू करने से पहले इसके विभिन्न तकनीकी पहलूओं पर ध्यान देना जरूरी है। इसी दौरान बीजेपी विधायकों ने कहा कि पीएम मोदी की ये पहल सराहनीय है। इससे चुनावों में होने वाले खर्च पर अंकुश लगेगा। साथ ही विकास के काम भी बाधित नहीं होंगे। अलग- अलग समय में चुनाव होने के चलते देश के उस हिस्से में विकास के काम उस पीरियड के लिए रूक जाते हैं।

दिल्ली में पीएम मोदी की अगुआई में हुई सर्वदलीय बैठक में टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी, बसपा सुप्रीमो मायावती, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव शामिल नहीं हुए। वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव व्यक्तिगत कारणों से मीटिंग से दूर रहे। बाईएसआर-बीजेडी-टीआरएस जैसी पार्टियां इसमें शरीक हुईं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jagdev Singh

Related News

static