दहेज की मांग पूरी ना होनेे पर पति ने डाक द्वारा भेजा तलाक का पत्र

punjabkesari.in Tuesday, Sep 24, 2019 - 03:25 PM (IST)

धनबादः मोदी सरकार ने तीन तलाक जैसी कुप्रथा से मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलाने के लिए कानून बनाए हो लेकिन आज भी कुछ ऐसे जिले हैं जहां यह प्रथा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा ही एक मामला झारखंड के धनबाद जिले का है जहां एक पत्नी को उसके पति ने पत्र लिख कर तलाक दे दिया। हैरानी की बात तो यह है कि तलाक का पत्र उसने डाक द्वारा भेजा।

बता दें कि ताजमुन एसएसएलएनटी महिला कॉलेज, धनबाद में बीएससी गणित की छात्रा है। उसका निकाह शाहनवाज अंसारी के साथ 9 महीनें पहले ही हुआ था। 3 महीनें तक तो सब सही चलता रहा परंतु बाद में उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। पीड़िता ने कई बार भाटडीह ओपी में शिकायत की परंतु पुलिस ने कार्रवाही में शिथिलता बरती। पीड़ित महिला ने बताया कि उसके ससुराल वालों ने कार की डिमांड की जब वह कार नहीं ला पाई तो उसके साथ मार-पीट की गई।

जानकारी के अनुसार ताजमुन का पति शाहनवाज अंसारी चतरा में एक प्राइवेट कंपनी में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत है। 15 दिसंबर 2018 को शहनवाज का ताजमुन के साथ निकाह हुआ था। दहेज के लिए प्रताड़ित करने में उसके पति के साथ सास, ससुर का भी हाथ था। हद तो तब हो गई जब सास ससुर द्वारा उसे दूध में जहर मिला कर पिलाया गया। उसे बोकारो के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जिसके बाद परिजन उसे मायके ले आये।

ताजमुन ने बताया कि उसके नंदोसी और देवर ने कई बार बलात्कार का प्रयास किया, जिसकी शिकायत वह अपने सास-ससुर से करती रही। लेकिन पूरा परिवार उसे डायन बताते रहा। जिससे परेशान होकर उसने 30 जून को महुदा थाना में अपने पति शहनवाज अंसारी, सास, ससुर, देवर के अलावा ननद, नंदोसी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया।

पीड़िता ने तलाक के मामले में 18 सितंबर को महुआ थाना में शिकायत दर्ज कराई लेकिन अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया। कहना है कि पुलिस द्वारा इस मामले में सख्ती नहीं बरती जा रही। सोमवार को उसने वरीय अधिकारियों से मिलकर न्याय की मांग की है।

Ajay kumar