श्रमिक संगठनों की हड़ताल से झारखंड का कोयला उद्योग प्रभावित

punjabkesari.in Wednesday, Jan 08, 2020 - 02:05 PM (IST)

रांचीः श्रमिकों के लिए इक्कीस हजार रुपए न्यूनतम मजदूरी और 10 हजार रुपए पेंशन तय करने, एनपीएस के साथ ही श्रम कानून में मजदूर विरोधी संशोधन वापस लेने जैसी कई मांगों के समर्थन में ट्रेड यूनियनों की एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल से झारखंड का कोयला उद्योग प्रभावित हुआ है।

ऑल इंडिया ट्रेड यूनियक कांग्रेस (एटक), सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियंस (सीटू), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन (एक्टू), ऑल इंडिया यूनाईटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (आइयूटीयूसी), यूनाईटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) एवं ट्रेस यूनियन को-ऑडिर्नेशन सेंअर (टीयूसीसी) समेत अन्य संगठनों की एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल से देश की कोयला राजधानी धनबाद में कोयला खनन कंपनियों भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) और ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) की खदानों उत्पादन प्रभावित हुआ है।

हड़ताल को सफल बनाने के लिए श्रमिक संगठन से जुड़े मजदूर, कर्मचारी और नेता कोयला खदानों के बाहर काफी सक्रिय दिखे। खदानों में कोयले का खनन तो हो रहा है लेकिन डिस्पैच नहीं होने के कारण रेलवे साइडिंगों पर सन्नाटा पसरा रहा। हड़ताल का बीसीसीएल के सीवी, ईजे, एरिया चार के सिजुआ और कतरासगढ़ के खदानों, पीबी एरिया में मिलजुला असर रहा लेकिन ईसीएल के मुग्मा क्षेत्र में अच्छा-खासा प्रभाव देखा गया। वहीं, रामगढ़ जिले के विभिन्न कोयला खदानों में बंद का आंशिक असर देखा गया। इस क्षेत्र के कोयला खदानों में सामान्य दिनों की तरह उत्पादन का कार्य होता रहा। हालांकि पूरे प्रक्षेत्र में कोयले का डिस्पैच ठप रहा।

बैंक यूनियन के हड़ताल में शामिल होने का भी असर देखा जा रहा है। सभी जिला मुख्यालयों की बैंक शाखाओं में कामकाज नहीं होने से लेनदेन प्रभावित हुआ है। करोड़ों रुपए के चेक नहीं भुनाए जा सके, जिससे कारोबार पर असर पड़ा है। राजधानी रांची, जमशेदपुर और धनबाद समेत दूसरे शहरों में भी भारत बंद के चलते जरूरी सुविधाओं के लिए लोगों को मशक्कत करनी पड़ रही है। कोडरमा ताप विद्युत संयंत्र के मजदूरों ने संयंत्र के मुख्य द्वार पर बैनर पोस्टर लगाकर हड़ताल को लेकर प्रदर्शन किया। हड़ताल के कारण संयंत्र से बिजली उत्पादन के प्रभावित होने की आशंका है।

वहीं, गिरिडीह में बंद के समर्थन में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा) मामले के समर्थकों ने जुलूस निकाला। हालांकि उन्होंने कहीं भी सड़क जाम कर यातायात को बाधित नहीं किया। इसके अलावा हजारीबाग, देवघर, साहेबगंज, दुमका, गोड्डा, लोहरदगा, लातेहार, सिमडेगा, चतरा समेत कई जिलों में बंद का असर नहीं देखा गया। सामान्य दिनों की तरह ही छोटे-बड़े प्रतिष्ठान खुले रहे एवं यातायात भी बहाल रहा। हालांकि पलामू में हड़ताल के समर्थन में कर्मचारी संगठनों ने धरना दिया। मेदनीनगर स्थित प्रधान डाकघर के बाहर डाक कर्मचारियों ने धरना दिया। सरकार विरोधी नारे लगाए। नई पेंशन नीति वापस करने की मांग की।


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prachi

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