लालू को जेल से पेरोल पर रिहा करने की कोशिश में जुटी JMM और कांग्रेस

punjabkesari.in Tuesday, Apr 14, 2020 - 12:15 PM (IST)

 

रांचीः चारा घोटाला मामले में 14 साल कैद की सजा पाए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को पैरोल पर रिहा करवाने की जुगत में झामुमो जुट गई है। इसी के चलते उन्होंने राज्य के महाधिवक्ता को मंत्रिमंडल की बैठक में बुलाकर इस पर विस्तार से चर्चा किया।

कांग्रेस मंत्री ने लालू को पैरोल पर रिहा करने का रखा प्रस्ताव
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कांग्रेस कोटे के मंत्री कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने अपनी पूर्व की घोषणा के अनुरूप लालू प्रसाद को पैरोल पर रिहा करने का प्रस्ताव रखा। इसको गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल राज्य के महाधिवक्ता को वहीं बुलाया। साथ ही इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की।

महाधिवक्ता से लालू के पैरोल का रास्ता तलाशने को कहाः सोरेन
सीएम ने हाल ही में उच्चतम न्यायालय द्वारा 7 साल तक की कारावास की सजा पाए अपराधियों को कोरोना वायरस संक्रमण संकट को देखते हुए जमानत देने के लिए दिए गए दिशा-निर्देश एवं अन्य उपलब्ध कानूनी प्रावधानों के तहत लालू प्रसाद को पेरोल पर रिहा करने का रास्ता बताने का निर्देश दिया। बाद में मीडिया से बातचीत में हेमंत सोरेन ने बताया कि राज्य के महाधिवक्ता से लालू प्रसाद के पैरोल का रास्ता तलाशने को कहा गया है।

लालू को अस्पताल में कोरोना के संक्रमण का डरः पत्रलेख
इस बीच बादल पत्रलेख ने मीडिया से कहा कि लालू प्रसाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और गरीबों के नेता हैं। उन्हें रिम्स अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमण का डर है लिहाजा उन्हें पेरोल पर रिहा करने का प्रस्ताव मैंने मंत्रिमंडल के सामने रखा, जिस पर गंभीरता से विचार किया गया। इस दिशा में सरकार शीघ्र निर्णय लेगी।

लालू को नहीं मिल रहा न्यायालय के दिशा-निर्देश का लाभः मंत्री
कांग्रेस मंत्री का कहना है कि रिम्स में कोविड-19 मरीजों का इलाज हो रहा है और लालू न्यायिक हिरासत में रिम्स में ही इलाजरत हैं। उन्हें पैरोल पर वहां से रिहा करना आवश्यक है। प्रसाद को चूंकि चारा घोटाले के एक मामले में 14 वर्ष तक की कैद की सजा मिल चुकी है लिहाजा उन्हें न्यायालय के दिशा-निर्देश का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके अतिरिक्त न्यायालय ने आर्थिक अपराध से जुड़े लोगों को इस दिशा-निर्देश के लाभ से अलग रखा है।

बता दें कि झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार इस समय सत्तासीन है जिसमें राजद के भी एक मंत्री हैं।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Nitika

Recommended News

Related News

static