झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाले पर बड़ी कार्रवाई, संयुक्त सचिव स्तर के 2 अधिकारियों की जबरन सेवानिवृ

punjabkesari.in Tuesday, Aug 27, 2019 - 11:33 AM (IST)

रांची: झारखंड विधानसभा नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर हुए घोटाले पर कार्रवाई हुई है। इस पर सोमवार देर रात सख्त कार्रवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव के निर्देश पर विधानसभा सचिवालय ने संयुक्त सचिव स्तर के दो पदाधिकारियों रविंद्र सिंह और राम सागर राम को जबरन सेवानिवृत्ति देने का निर्णय लिया है। इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है। रविंद्र सिंह इसी वर्ष नवंबर महीने में रिटायर होने वाले थे, जबकि राम सागर राम की सेवानिवृत्ति सन 2023 में होनी थी।

वहीं इन दोनों अधिकारियों पर 500 से ज्यादा नियुक्तियों की प्रक्रिया में शामिल रहने का आरोप है। इन्होंने स्क्रूटनी और बहाली की प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया। यह नियुक्तियां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम और इंदर सिंह नामधारी के कार्यकाल में हुई थीं। गौरतलब है कि नियुक्ति घोटाले में कोई सख्त कार्रवाई होने में 10 साल से ज्यादा का वक्त लग गया।

विधानसभा में उन कर्मियों की बैकडोर से नियुक्ति कर दी गई थी, जिन्हें बिहार विधानसभा में हटा दिया गया था। राज्य गठन के बाद हटाए गए कर्मी यहां फिर से बहाल हो गए। आयोग ने इन सभी को बर्खास्त करने के साथ-साथ मामले में दोषी सभी लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। इसी कड़ी में पहली कार्रवाई हुई है।

विधानसभा के तत्कालीन प्रभारी सचिव अमरनाथ झा ने राज्यपाल से स्वीकृत फाइल में भी छेड़छाड़ कर दी थी। तत्कालीन राज्यपाल डॉ. सैयद अहमद ने विधानसभा नियुक्ति, प्रोन्नति घोटाले की जांच का आदेश दिया था। सबसे पहले जस्टिस लोकनाथ प्रसाद की अध्यक्षता में यह जांच आयोग गठित किया था, लेकिन बाद में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। बाद में जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई। इस जांच आयोग के कार्यकाल का कई बार अवधि विस्तार हुआ।

Edited By

Jagdev Singh