कुपोषण: झारखंड में 30% बच्चे नहीं खा पाते मिड डे मील

punjabkesari.in Thursday, Oct 10, 2019 - 11:48 AM (IST)

रांची: झारखंड में कुपोषण किस तरह से हावी है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकारी स्कूलों में 30 प्रतिशत से अधिक बच्चे मिड डे मील नहीं खा पाते हैं। इतने बच्चों के स्कूलों से अनुपस्थित रहने से इसका लाभ बच्चों को नहीं मिल पाता। एक समीक्षा में यह बात सामने आई है कि पिछले जुलाई महीने में बच्चों के नामांकन के अनुपात में योजना का कुल कवरेज 68 प्रतिशत रहा। इस तरह इस महीने में लगभग 32 प्रतिशत बच्चों ने मिड डे मील नहीं खाया।

यह बात भी सामने आई है कि राज्य के 9 जिले ऐसे हैं जहां जुलाई महीने में राज्य औसत से भी कम बच्चे स्कूलों में उपस्थित रहे और मिड डे मील खा पाए। इनमें लातेहार, गोड्डा, गिरिडीह, साहिबगंज, दुमका, गढ़वा, देवघर, जामताड़ा तथा पाकुड़ शामिल हैं। जिस राज्य में आधे से अधिक बच्चे कुपोषण के ग्रसित हैं उस राज्य के लिए यह स्थिति चिंता और बढ़ाने वाली है। योजना में सबसे बदतर स्थिति पाकुड़ की है जहां मई-जून में पाकुड़ जिले में नामांकन के विरुद्ध बच्चों की उपस्थिति और मिड डे मील का कवरेज 50 प्रतिशत से कम रही। वहीं जुलाई महीने में भी इस जिले का परफारमेंस सबसे खराब रहा।

इस दौरान राज्य के मुख्य सचिव डा. डीके तिवारी ने इसपर चिंता जताते हुए स्कूलों व प्रखंडों में बच्चों के नामांकन के डाटा की जांच करने तथा इस स्थिति में अविलंब सुधार का सख्त निर्देश दिया है। गिरिडीह, गढ़वा, जामताड़ा, साहिबगंज तथा देवघर के अपर प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 60 प्रतिशत से भी कम रही, जिसके कारण 40 प्रतिशत से अधिक बच्चे मिड डे मील का लाभ नहीं ले पाए। मुख्य सचिव ने इसपर नाराजगी जताते हुए सभी उपायुक्तों को इसमें सुधार का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी जिलों में बच्चों की न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति हर हाल में सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।

 


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Edited By

Jagdev Singh

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