विधानसभा का विशेष सत्र: राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के शुरू, JMM ने किया बाॅयकाट

punjabkesari.in Friday, Sep 13, 2019 - 02:03 PM (IST)

रांची: झारखंड विधानसभा के नए भवन विशेष सत्र की शुरूआत राज्‍यपाल द्रौपदी मूर्मू के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया है। शुक्रवार को नए विधानसभा भवन में यह सत्र आमंत्रित किया गया है। विधायकों को इस सत्र के लिए खास तौर पर आमंत्रण भेजा गया था। विशेष सत्र का शुभारंभ राज्यपाल के भाषण से हुआ।

इसके बाद विधायक अपनी बातें भी रख सकेंगे। इस विशेष सत्र में झामुमो के विधायक शामिल नहीं हुए हैं। पूर्व मुख्‍यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने बीते दिन विधानसभा के नए भवन के उद्घाटन समारोह का आमंत्रण नहीं देने पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। विशेष सत्र को लेकर गुरुवार की देर रात तक इस बात की चर्चा रही कि झामुमो के विधायक इसमें नहीं भी जा सकते हैं। देर रात तक झामुमो की ओर से कोई अधिकृत बयान जारी नहीं हुआ था। इस बीच, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने शुक्रवार को विधायकों की बैठक अपने आवास पर बुलाई है और वहीं से सभी के विधानसभा में पहुंचने की योजना है।

वहीं विधानसभा सत्र की शुरूआत राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ होगी। इस दौरान राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू सरकार की उपलब्धियों को बताएंगी। इसके बाद स्पीकर दिनेश उरांव प्रारंभिक वक्तव्य देंगे। साथ ही सरकार भी सत्र के दौरान विधानसभा में अपनी बातों को रखेगी। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधानसभा के नए भवन का उद्घाटन किया था।

झारखंड विधानसभा देश की पहली ई-विधानसभा है, जो पूरी तरह वाई-फाई से जुड़ी है। सदन में प्रत्येक विधायक के टेबल पर लैपटॉप दिया गया है। इस पर वह विधानसभा की कार्रवाई संबंधी हर जानकारी देख सकेंगे। इसके अतिरिक्त स्पीकर, सीएम, डिप्टी स्पीकर सहित अन्य वरीय पदाधिकारियों के कार्यालय कक्ष को वीडियो कंफ्रेंसिंग से जोड़ा गया है। धीर-धीरे पूरी विधानसभा को पेपरलेस बनाने की योजना है।

देश की पहला विधानसभा है जिसके गुंबद की ऊंचाई 37 मीटर है। गुंबद में झारखंडी संस्कृति झलक दी गई है। मसलन, जल, जंगल, जमीन, नृत्य करती महिलाएं, नदी-नालों को सोहराय पेंटिंग के जरिए दर्शाया गया है। विधानसभा परिसर में आस्ट्रेलिया से ज्यॉसिया-जैपोनिका और सिनोडोन-डैक्टिलोन नामक घास मंगा कर लगाया गया है। यह घास कम पानी में भी महीनों जीवित रहता है और वर्षा जल का संरक्षण करता है।

यहां 300 केवीए के दो सोलर प्लांट लगाए गए हैं। यह सामान्य दिनों में विधानसभा की बिजली की जरूरत को पूरा करेगा। सत्र के दौरान ही इसे दूसरे स्रोत से बिजली की जरूरत होगी। विधानसभा परिसर 39 एकड़ में फैला है। इसके निर्माण पर 465 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और 57220 वर्गमीटर निर्माण क्षेत्र है।

Edited By

Jagdev Singh