Bihar Election 2025 : East और West champaran की 21 विधानसभा सीटों पर क्या NDA पर भारी पड़ेंगे Tejashwi Yadav, देखिए सभी सीटों के समीकरण

punjabkesari.in Tuesday, Nov 11, 2025 - 12:28 PM (IST)

Bihar Election 2025 (विकास कुमार): पूर्वी और पश्चिमी चंपारण की 21 विधानसभा सीटों पर एनडीए (NDA) की पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है। अगर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को बिहार का मुख्यमंत्री बनना है तो इन 21 विधानसभा सीटों पर उन्हें बेहतर प्रदर्शन करना होगा। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) की स्थिति यहां काफी मजबूत थी। पश्चिम चंपारण में कुल 9 विधानसभा सीटें हैं। इनमें बीजेपी ने रामनगर, नरकटियागंज, बगहा, लोरिया, नौतन, चनपटिया और बेतिया विधानसभा में जीत हासिल की थी। वहीं जेडीयू ने वाल्मीकि नगर विधानसभा तो सिकटा विधानसभा से सीपीएमएल ने जीत दर्ज की थी। 

वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में पूर्वी चंपारण में भी बीजेपी (BJP) ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया था। पूर्वी चंपारण में कुल 12 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने रक्सौल, हरसिद्धि, गोविंदगंज, ढाका, चिरैया, मोतिहारी, मधुबन और पिपरा विधानसभा में जीत हासिल की थी। जबकि आरजेडी के पास सुगौली, नरकटियागंज और कल्याणपुर विधानसभा सीटें हैं। जेडीयू को केवल एक सीट केसरिया पर ही 2020 के चुनाव में जीत मिली थी। बीजेपी आलाकमान इस बार नरकटियागंज, सुगौली और कल्याणपुर की सीटों पर पासा पलटने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। 

पश्चिम चंपारण (9 विधानसभा सीट)

वाल्मिकीनगर विधानसभा सीट ।। Valmikinagar assembly seat

NDA ---  धीरेंद्र सिंह (राजपूत)
MGB – सुरेंद्र कुशवाहा 

मुख्य मतदाता-
यादव—37000
महतो—35000

2020 के चुनाव में धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार राजेश सिंह को 21 हजार पांच सौ 85 वोट के बड़े अंतर से मात दे दिया था।वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में वाल्मीकि नगर विधानसभा सीट पर जेडीयू ने अपनी जीत का मार्जिन पहले से भी बढ़ा दिया है।वाल्मीकि नगर विधानसभा सीट पर 2024 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू उम्मीदवार ने आरजेडी पर 26 हजार आठ सौ 29 वोट की भारी बढ़त बनाई थी।अगर इस बढ़त को जेडीयू इस बार भी कायम रखने में सफल रही तो फिर वाल्मीकि नगर सीट पर एनडीए आराम से जीत हासिल कर सकती है। 

रामनगर विधानसभा सीट ।। Ramnagar Assembly Seat

NDA – नंदकिशोर राम
MGB—सुबोध पासवान
 
मुस्लिम –60000
महतो--  44000


2020 का गुणा गणित 

रामनगर विधानसभा सीट पर 2020 में बीजेपी उम्मीदवार भागीरथी देवी ने राजेश राम को 15 हजार सात सौ 96 वोट के अंतर से हराया था।.2024 के लोकसभा चुनाव में रामनगर विधानसभा सीट पर एनडीए ने अपनी बढ़त का मार्जिन और भी बढ़ा दिया।.एनडीए ने इस सीट पर 2024 के लोकसभा चुनाव में 24 हजार तीन सौ पांच वोट की लीड बना ली थी।अगर ये बढ़त कायम रखने में एनडीए सफल रही तो एक बार फिर से रामनगर सीट पर भगवा परचम लहरा सकता है। रामनगर विधानसभा सीट पर ब्राह्मण,थारू जनजाति और पिछड़े समाज के मतदाताओं का बोलबाला है।एनडीए के नेताओं को उम्मीद है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में रामनगर विधानसभा सीट पर उन्हें जो बढ़त मिली थी, वह इस बार भी कायम रहेगी।


नरकटियागंज विधानसभा सीट ।। Narkatiaganj assembly seat
NDA--- संजय पांडेय
MGB—शाश्वत केदार
JSP  वसीउल्लाह अंसारी

बड़े वोट बैंक
मुस्लिम 79000
वैश्य 24000

2020 में नरकटियागंज विधानसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार रश्मि वर्मा ने जीत हासिल की थी।रश्मि वर्मा ने कांग्रेस उम्मीदवार विनय वर्मा को 7 हजार छह सौ 74 वोट के मार्जिन से पहले स्थान पर रहीं थीं।वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में नरकटियागंज विधानसभा सीट पर सात हजार 35 वोट की लीड से एनडीए ने आरजेडी को हरा दिया था।देखा जाए तो 2020 और 2024 के चुनाव में एनडीए ने नरकटियागंज में सात हजार की लीड कायम रखी है। नरकटियागंज विधानसभा सीट पर राजपूत, भूमिहार और कुर्मी वोटरों की सबसे अहम भूमिका है।इसके अलावा ब्राह्मण और यादव मतदाता भी यहां जीत-हार के लिए निर्णायक भूमिका अदा करते हैं।


बगहा विधानसभा सीट ।। Bagha assembly seat

NDA – राम सिंह (चनऊ)
MGB  जयेश सिंह कुशवाहा
JSP – नंदेश पांडेय

बड़े वोट बैंक
मुस्लिम -- 49000
यादव---  37000

बगहा विधानसभा सीट पर 2020 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार राम सिंह ने जीत हासिल की थी।राम सिंह 90 हजार 13 वोट लाकर पहला स्थान हासिल किया था।वहीं कांग्रेस उम्मीदवार जयेश मंगलम सिंह 59 हजार नौ सौ 93 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे।राम सिंह ने 30 हजार 20 वोट के बड़े भारी अंतर से कांग्रेसी उम्मीदवार को हरा दिया था,लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में बगहा सीट पर एनडीए की बढ़त घट कर 13 हजार चार सौ 45 वोट की रह गई है। बगहा विधानसभा सीट पर ब्राह्मण,यादव, राजपूत,वैश्य, महादलित और मुस्लिम मतदाता की अच्छी खासी संख्या है।बगहा को राजस्व जिला न बनाए जाने को लेकर भी जनता में नाराजगी रही है।इसके बावजूद 2024 के लोकसभा चुनाव में बगहा सीट पर एनडीए की 13 हजार चार सौ 45 वोट की बढ़त रही थी।अगर इस बढत को एनडीए कायम रखने में कामयाब रही तो एक बार फिर से यहां भगवा परचम लहरा सकता है।


लौरिया विधानसभा सीट ।। Lauria assembly seat

NDA -  विनय बिहारी (राजपूत)
MGB  - रणकौशल सिंह (कुर्मी)
JSP-  सुनील कुशवाहा 

बड़े वोट बैंक
मुस्लिम  43000
शाह – 27000

2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार विनय बिहारी ने आरजेडी कैंडिडेट शंभु तिवारी को हरा दिया था। विनय बिहारी को 77 हजार 927 वोट मिला था,जबकि शंभु तिवारी को 48 हजार 923 वोट मिला था। 2024 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू ने आरजेडी उम्मीदवार पर 19 हजार 373 वोट की लीड हासिल की थी। 

नौतन विधानसभा सीट ।। Nautan Assembly Seat

NDA- नारायण प्रसाद (तेली वैश्य)
MGB - अमित गिरी 
JSP- संतोष चौधरी (रजक)

बड़े वोट बैंक
मुस्लिम 46000
शाह 26000

2020 के चुनाव में नौतन सीट पर बीजेपी उम्मीदवार नारायण प्रसाद ने जीत हासिल की थी।नारायण प्रसाद को कुल 78 हजार छह सौ 57 वोट मिले थे।वहीं कांग्रेस उम्मीदवार शेख मोहम्मद कामरान 52 हजार सात सौ 61 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे,तो निर्दलीय उम्मीदवार मनोरमा प्रसाद 15 हजार चार सौ 21 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहीं थीं। जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस पर 24,595 वोट की लीड कायम की थी

चनपटिया विधानसभा सीट ।। Chanpatia assembly seat

NDA- उमाकांत सिंह (भूमिहार) 
MGB- अभिषेक रंजन (कलवार)
JSP- मनीष कश्यप

बड़े वोट बैंक
मुस्लिम 59000
शाह 33000

2020 के विधानसभा चुनाव में चनपटिया सीट पर बीजेपी उम्मीदवार उमाकांत सिंह ने जीत हासिल की थी। उमाकांत सिंह 83 हजार आठ सौ 28 वोट लेकर पहले स्थान पर रहे थे।वहीं कांग्रेस कैंडिडेट अभिषेक रंजन 70 हजार तीन सौ 59 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे।इस तरह से उमाकांत सिंह ने अभिषेक रंजन को 13 हजार चार सौ 69 वोट के अंतर से हरा दिया था।वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में चनपटिया सीट पर इस मार्जिन को बीजेपी ने और भी बढ़ा दिया।इस बार बीजेपी ने कांग्रेस पर 24 हजार 91 वोट की बढ़त बनाई थी। चनपटिया विधानसभा सीट पर ब्राह्मण और यादव वोटरों का दबदबा माना जाता है।इसके अलावा भूमिहार,कोइरी और मुस्लिम वोटरों की भी अच्छी खासी संख्या है।चनपटिया विधानसभा सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है,क्योंकि साल 2000 के विधानसभा चुनाव से बीजेपी ने जीत का जो सिलसिला शुरू किया वह अब तक जारी है।बीजेपी उम्मीदवार यहां से लगातार 6 चुनाव जीत चुकी है। 2025 में सातवीं बार बीजेपी चनपटिया में जीत हासिल करेगी या नहीं,इसका फैसला तो यहां की जनता ही करेगी।

बेतिया विधानसभा सीट ।। Bettia Assembly Seat

NDA-  रेणु देवी (नोनिया)
MGB- वसी अहमद
JSP- अनिल सिंह (राजपूत)

बड़े वोट बैंक
मुस्लिम 69000
वैश्य 26000

2020 के विधानसभा चुनाव में बेतिया सीट पर बीजेपी उम्मीदवार रेणु देवी 84 हजार चार सौ 96 वोट लाकर पहले स्थान पर रहीं थीं। रेणु देवी ने कांग्रेस उम्मीदवार मदन मोहन तिवारी को हरा कर जीत का परचम लहराया था।रेणु देवी ने मदन मोहन तिवारी को 18 हजार 79 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था।वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में बेतिया विधानसभा सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस को 20 हजार 6 सौ 69 वोट की लीड कायम की थी।इससे साफ पता चल रहा है कि बेतिया सीट पर बीजेपी की रेणु देवी की पकड़ मजबूत बनी हुई है। इस सीट पर ब्राह्मण,यादव,भूमिहार और वैश्य समुदाय की बड़ी संख्या है।शहरी इलाके में वैश्य समुदाय की भूमिका सबसे अहम मानी जाती है।बेतिया विधानसभा सीट पर अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 13 फीसदी हैं।वहीं मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी करीब 15 फीसदी है।बेतिया विधानसभा सीट को वीआईपी सीट माना जाता है,क्योंकि यहां की एमएलए रेणु देवी एक बार बिहार की उपमुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं।एक जमाने में यह सीट कांग्रेस पार्टी का गढ़ हुआ करती थी,लेकिन अब रेणु देवी ने इस इलाके में भगवा परचम लहरा दिया है।2024 के लोकसभा चुनाव में बेतिया सीट पर जो बढ़त बीजेपी को मिली थी,अगर उसे रेणु देवी कायम रखने में सफल रहीं तो एक बार फिर से यहां कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ सकता है।

सिकटा विधानसभा सीट ।। Sikta assembly seat

NDA -समृद्ध वर्मा (कायस्थ) 
MGB - वीरेंद्र गुप्ता (हलवाई वैश्य)
JSP - उत्कर्ष कुमार (कायस्थ)

बड़े वोट बैंक
मुस्लिम- 82000
शाह- 28000

2020 के विधानसभा चुनाव में सिकटा सीट पर भाकपा माले कैंडिडेट बीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने 49 हजार 75 वोट लाकर जीत हासिल की थी। बीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने निर्दलीय उम्मीदवार दिलीप वर्मा को दो हजार तीन सौ दो वोट के कम मार्जिन से हराया था,लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में सिकटा विधानसभा सीट पर जेडीयू ने महागठबंधन की बढ़त को खत्म कर दिया।इस बार सिकटा में जेडीयू ने आरजेडी उम्मीदवार पर 8 हजार पांच सौ 49 वोट की लीड कायम कर लिया था।इस विधानसभा चुनाव में सिकटा पर मिले इस लीड को जेडीयू किसी भी तरह से कायम रखना चाहती है।सिकटा विधानसभा सीट पर मुस्लिम और यादव वोटरों की संख्या ज्यादा है।इसके अलावा रविदास, कोइरी और ब्राह्मणों की भी यहां निर्णायक भूमिका में हैं।इस इलाके के लोगों को हर साल बाढ़ और कटाव की मार झेलना पड़ता है।बरसात के मौसम में गांवों का संपर्क शहरों से टूट जाता है।इससे यहां के वोटरों में नाराजगी बढ़ती है।इस बार यहां सड़क,जल निकासी,बेरोजगारी और आपदा राहत चुनावी मुद्दा बन सकता है।

                                                        पूर्वी चंपारण जिले की सीटें 

रक्सौल विधानसभा सीट ।। Raxaul assembly seat
NDA – प्रमोद सिन्हा (कोईरी)
MGB श्याम बिहारी (कलवार)
JSP  भुवन पटेल

बड़े वोट बैंक 
मुस्लिम- 62000
शाह  - 31972

2020 के चुनाव में रक्सौल सीट पर बीजेपी उम्मीदवार प्रमोद कुमार सिन्हा ने जीत हासिल की थी।प्रमोद कुमार सिन्हा 80 हजार नौ सौ 79 वोट लाकर पहले स्थान पर रहे थे।सिन्हा ने कांग्रेस उम्मीदवार रामबाबू प्रसाद यादव को 36 हजार नौ सौ 23 वोट के बड़े मार्जिन से हराया था।.वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में रक्सौल विधानसभा सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस कैंडिडेट पर 29 हजार सात सौ 48 वोट की लीड बनाई थी।इस लिहाज से देखें तो 2020 की तुलना में 2024 में रक्सौल विधानसभा सीट पर बीजेपी की लीड कम हो गई।रक्सौल विधानसभा सीट के जातीय समीकरण पर नजर डालते हैं।इस सीट पर पिछड़े समाज के लगभग 50 फीसदी वोटर हैं।इसके अलावा मुस्लिम,अनुसूचित जाति,वैश्य और सवर्ण वोटरों की भी निर्णायक भूमिका है।वहीं महिला कॉलेज की स्थापना, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट,ट्रामा सेंटर और ग्रीन पार्क एवं स्टेडियम के निर्माण की मांग वर्षों से लंबित है।रक्सौल की पहचान बन चुका सूर्य मंदिर के सौंदर्यीकरण की भी मांग लोग कर रहे हैं।वहीं सरिसवा नदी के प्रदूषित होने का मुद्दा भी लोगों के मन में रचा बसा हुआ है।बीजेपी की कोशिश है कि जैसे तैसे भी 2024 में मिले लीड को कायम रखा जाए।अगर इस कोशिश में बीजेपी उम्मीदवार सफल रहे तो फिर से यहां एनडीए को जीत हासिल हो सकती है।

सुगौली विधानसभा सीट ।। Sugauli Assembly Seat
NDA –  बब्लू गुप्ता (रौनियार)
MGB- अजय कुमार (ब्राह्मण)
JSP - अजय झा

बड़े वोट बैंक  
मुस्लिम - 67000
शाह- 26000

2020 के विधानसभा चुनाव में सुगौली सीट पर आरजेडी कैंडिडेट शशि भूषण सिंह ने जीत का परचम लहराया था।शशि भूषण सिंह 65 हजार दो सौ 67 वोट लाकर पहला स्थान हासिल किया था।वहीं वीआईपी उम्मीदवार रामचंद्र सहनी 61 हजार आठ सौ 20 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में सुगौली विधानसभा सीट का गुणा गणित पूरी तरह से बदल गया था।इस बार बीजेपी उम्मीदवार ने कांग्रेस कैंडिडेट को सुगौली में 32 हजार तीन सौ 90 वोट से पीछे छोड़ दिया था। सुगौली विधानसभा सीट के नतीजों को तय करने में जातीय गणित की अहम भूमिका होती है।इस सीट पर यादव और मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है। इसके अलावा इस सीट पर ब्राह्मण और राजपूत वोटरों की भी अहम भूमिका है। वहीं सुगौली में अनुसूचित जाति के वोटरों की तादाद भी लगभग 11 फीसदी है। अब हम सुगौली विधानसभा में चल रहे स्थानीय मुद्दों की चर्चा करेंगे।रघुनाथपुर को ब्लॉक का दर्जा देने और सुगौली को सब डिवीजन बनाने की मांग यहां चल रही है।इसके अलावा बाढ़ और कटाव से सुरक्षा प्रदान करने की भी लोग लंबे समय से मांग कर रहे हैं।बीजेपी की कोशिश है कि 2024 में सुगौली सीट पर मिले लीड को कायम रखा जाए।अगर इस कोशिश में बीजेपी उम्मीदवार सफल रहे तो फिर से यहां एनडीए को जीत हासिल हो सकती है।

नरकटिया विधानसभा सीट ।। Narkatia assembly seat
NDA- विशाल साह (तेली वैश्य)
MGB- शमीम अहमद 
JSP- लालबाबू यादव
AIMIM - एस हक

बड़े वोट बैंक
मुस्लिम-  77000
शाह वैश्य- 32000

2020 में नरकटिया विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में आरजेडी उम्मीदवार शमीम अहमद ने जीत हासिल की थी। शमीम अहमद 85 हजार पांच सौ 62 वोट लाकर पहले स्थान पर रहे थे।वहीं जेडीयू कैंडिडेट श्याम बिहारी प्रसाद 57 हजार सात सौ 71 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे तो एलजेपी उम्मीदवार सोनू कुमार 20 हजार चार सौ 94 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। इस तरह से 2020 के चुनाव में शमीम अहमद ने श्याम बिहारी प्रसाद को 27 हजार सात सौ 91 वोट के अंतर से हराया था। वहीं एलजेपी ने भी ठीक ठाक वोट लाकर जेडीयू को ही नुकसान पहुंचाया था,लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में नरकटिया विधानसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार ने बढ़त बना लिया था।संजय जायसवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी मदन मोहन तिवारी पर 6 हजार एक सौ तीन वोट की बढ़त बनाने में सफलता हासिल की थी। हालांकि यह बढ़त 2019 में उनके द्वारा ली गई 24 हजार पांच सौ 86 वोट की बढ़त की तुलना से काफी कम था।इन आंकड़ों से पता चलता है कि नरकटिया के वोटर विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अलग-अलग तरीके से मतदान करते हैं। इस सीट के नतीजों को तय करने में सबसे बड़ी भूमिका मुस्लिम वोटरों की है।इसके बाद यादव, पासवान, वैश्य और रविदास जाति के मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है।यहां अति पिछड़ा और सवर्ण वोटर भी माएने रखते हैं।माय समीकरण की वजह से नरकटिया सीट पर आरजेडी विधायक शमीम की स्थिति काफी मजबूत लग रही है। 

हरसिद्धि विधानसभा सीट ।। Harsiddhi Assembly Seat 
NDA- कृष्णनंदन पासवान
MGB- राजेंद्र राम
JSP- अवधेश राम

बड़े वोट बैंक
मुस्लिम- 64000
शाह - 26000

2020 के विधानसभा चुनाव में हरसिद्धि सीट पर बीजेपी उम्मीदवार कृष्ण नंदन पासवान ने जीत हासिल की थी।कृष्णनंदन पासवान 84 हजार छह सौ 15 वोट लाकर पहले स्थान पर रहे थे।वहीं आरजेडी कैंडिडेट कुमार नागेंद्र बिहारी 68 हजार नौ सौ 30 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे।आरएलएसपी कैंडिडेट रमेश कुमार 10 हजार पांच सौ 23 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।इस तरह से कृष्ण नंदन पासवान ने नागेंद्र बिहारी को 15 हजार छह सौ 85 वोट के अंतर से हरा दिया था,लेकिन हरसिद्धि विधानसभा सीट पर 2024 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन ने बाजी पलट दिया था.....2024 लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित नतीजा सामने आया....बीजेपी के कैंडिडेट राधा मोहन सिंह सातवीं बार पूर्वी चंपारण से सांसद बने,लेकिन हरसिद्धि विधानसभा सीट पर उन्हें विकासशील इंसान पार्टी के राजेश कुशवाहा से पीछे रहना पड़ा था।इस नतीजे ने हरसिद्धि सीट पर 2025 के विधानसभा चुनाव में के लिए आरजेडी को नई उम्मीद दी है। हरसिद्धि में लगभग 40 हजार एससी वोटर हैं।वहीं करीब 50 हजार मुस्लिम वोटर भी हरसिद्धी के नतीजों को तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं।इसके अलावा कोइरी समाज के भी वोटरों की यहां ठीक ठाक संख्या है।अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में मिली बढ़त को महागठबंधन इस बार कायम रखने में सफल रहा तो हरसिद्धि के नतीजे को बदला जा सकता है।

गोविंदगंज विधानसभा सीट ।। Govindganj assembly seat
NDA - राजू तिवारी 
MGB- शशिभूषण राय (भूमिहार)
JSP- कमलेशकांत गिरी

गोविन्दगंज सीट पर 2020 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार सुनील मणि तिवारी ने जीत हासिल की थी।सुनील मणि तिवारी 65 हजार सात सौ 16 वोट लाकर पहले स्थान पर रहे थे।वहीं कांग्रेस कैंडिडेट ब्रजेश कुमार 37 हजार नौ सौ 36 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे।इस तरह से सुनील मणि तिवारी ने ब्रजेश कुमार को 27 हजार सात सौ 80 वोट के बड़े भारी अंतर से हरा दिया था।वहीं लोजपा कैंडिडेट राजू तिवारी 31 हजार चार सौ 61 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।2024 के लोकसभा चुनाव में गोविन्दगंज सीट पर बीजेपी ने अपनी जीत का मार्जिन और भी बढ़ा दिया।2024 के लोकसभा चुनाव में गोविन्दगंज विधानसभा सीट पर बीजेपी ने महागठबंधन के उम्मीदवार पर 33 हजार नौ सौ 88 वोट की बड़ी लीड कायम की थी।इस लिहाज से देखें तो गोविन्दगंज सीट पर बीजेपी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है।

गोविंदगंज विधानसभा सीट पर मुस्लिम और ब्राह्मण वोटरों की अहम भूमिका है।इस विधानसभा सीट पर अधिकतर ब्राह्मण जाति के नेता ही विधायक बने हैं।अब बात करेंगे गोविन्दगंज सीट की समस्या पर।गोविंदगंज विधानसभा में अरेराज और पहाड़पुर प्रखंड शामिल है।गंडक नदी के किनारे बसा ये इलाका हर साल बाढ़ के कहर को झेलता है।.बाढ़ की वजह से फसलें, घर और सड़कें तबाह हो जाती हैं।इस इलाके में स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं सीमित है।युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ता है।वहीं रोजगार की तलाश में युवा दिल्ली,पंजाब,गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं।पलायन के कारण ज्यादातर गांवों में महिलाओं और बुजुर्गों पर ज्यादा ज़िम्मेदारियां आ जाती हैं।अगर बीजेपी ने अपनी पहले की बढ़त को कायम रखा तो एक बार फिर से गोविन्दगंज सीट पर भगवा परचम लहरा सकता है।

केसरिया विधानसभा सीट।। Kesariya Assembly Seat
NDA- शालिनी मिश्रा (भूमिहार)
MGB- वरुण विजय  (राजपूत)
JSP- पप्पू खान

बड़े वोट बैंक
मुस्लिम- 37000
शाह - 23000

2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू उम्मीदवार शालिनी मिश्रा ने जीत हासिल की थी।शालिनी मिश्रा को 40 हजार दो सौ 19 वोट मिला था।वहीं आरजेडी कैंडिडेट संतोष कुशवाहा 30 हजार नौ सौ 92 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे।इस तरह से शालिनी मिश्रा ने संतोष कुशवाहा को 9 हजार दो सौ 27 वोट की मार्जिन से हरा दिया था।वहीं एलजेपी उम्मीदवार रामशरण प्रसाद यादव 18 हजार नौ सौ चार वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।2024 के लोकसभा चुनाव में भी केसरिया विधानसभा सीट पर एनडीए ने बढ़त हासिल की थी।इस बार 20 हजार आठ सौ 92 वोट की लीड एनडीए ने हासिल की।ये आंकड़े संकेत देते हैं कि केसरिया सीट पर एनडीए की मजबूत पकड़ कायम  है।

केसरिया विधानसभा सीट के नतीजे तय करने में जातीय समीकरण की अहम भूमिका है।इस सीट पर राजपूत, यादव, मुस्लिम, कुशवाहा और ब्राह्मण वोटरों की बहुलता है।इसके अलावा सहनी और भूमिहार की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इन सबके बीच वैश्य वोटर भी निर्णायक साबित हो सकते हैं।अगर समस्या की बात करें तो केसरिया के इलाका की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ और जलजमाव है। गंडक नदी के किनारे स्थित तटवर्ती गांव हर साल बाढ़ और नदी के कटाव से त्रस्त रहते हैं।गंडक नदी के समानांतर बना चंपारण तटबंध भी जर्जर हो चुका है।पानी के दबाव से इसके टूटने की आशंका बनी रहती है।वहीं सिंचाई के लिए क्षेत्र में कोई ठोस व्यवस्था नहीं है।चूंकि 2020 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में यहां से एनडीए को बढ़त मिली थी, इसलिए इस बार भी केसरिया सीट पर जेडीयू का पलड़ा भारी नजर आ रहा है।

कल्याणपुर विधानसभा सीट ।। Kalyanpur Assembly Seat
NDA- सच्चिंद्र सिंह (भूमिहार)
MGB- मनोज यादव
JSP- मंतोष सहनी

बड़े वोट बैंक
मुस्लिम -36000
शाह-  25000

2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी कैंडिडेट मनोज कुमार यादव ने जीत हासिल की थी।मनोज कुमार यादव को 72 हजार आठ सौ 19 वोट लेकर पहले स्थान पर रहे थे।वहीं बीजेपी उम्मीदवार सचिन्द्र प्रसाद सिंह 71 हजार छह सौ 26 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे।इस तरह से मनोज कुमार यादव ने महज 11 सौ 93 वोट से जीत हासिल की थी।वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में कल्याणपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने महागठबंधन के उम्मीदवार पर 14 हजार 14 वोट की लीड कायम की थी।अगर इस बढ़त को 2025 में भी एनडीए कायम रखने में सफल रही तो यहां महागठबंधन को धक्का लग सकता है। कल्याणपुर निर्वाचन क्षेत्र में अनुसूचित जाति के करीब 15 फीसदी और मुस्लिम मतदाता करीब 14 फीसदी हैं।इसके अलावा भूमिहार और कोइरी वोटर भी चुनावी दिशा तय करते हैं।कल्याणपुर सीट पर पिछली बार कम वोटों के अंतर से आरजेडी उम्मीदवार मनोज कुमार यादव ने जीत हासिल की थी,लेकिन इस बार बीजेपी,जेडीयू और लोजपा की मिली जुली शक्ति से महागठबंधन को मुकाबला करना होगा।

पिपरा विधानसभा सीट ।। Pipra Assembly Seat
NDA - श्यामबाबू यादव 
MGB- राजमंगल सिंह कुशवाहा
JSP- सुबोध यादव

2020 के विधानसभा चुनाव में पिपरा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार श्याम बाबू प्रसाद यादव ने जीत हासिल की थी। श्याम बाबू प्रसाद यादव 88 हजार पांच सौ 87 वोट लाकर पहले स्थान पर रहे थे। वहीं सीपीएम कैंडिडेट राज मंगल प्रसाद 80 हजार चार सौ 10 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे।इस तरह से श्याम बाबू प्रसाद यादव ने राज मंगल प्रसाद को 8 हजार एक सौ 77 वोट के अंतर से हरा दिया था।वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में पिपरा सीट पर बीजेपी ने महागठबंधन पर चार हजार चार सौ 95 वोट की लीड बनाई थी।इस आंकड़े से पता चलता है कि 2020 की तुलना में 2024 में पिपरा सीट पर बीजेपी नेताओं की पकड़ कमजोर हुई है। पिपरा सीट पर मुस्लिम वोटरों की आबादी लगभग 12 फीसदी है।इसके अलावा यहां यादव,सवर्ण,अति पिछड़ा और अनुसूचित जाति के वोटरों का भी अच्छा खासा प्रभाव है।पिपरा विधानसभा सीट में 90 फीसदी मतदाता ग्रामीण इलाकों में निवास करते हैं।लगातार दो चुनावों में इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार के जीत का अंतर कम होने के कारण विपक्षी दलों को इस सीट पर अवसर दिखाई दे रहा है।

मधुबन विधानसभा सीट ।। Madhuban assembly seat 
NDA- राणा रणधीर 
MGB- संध्या रानी (कुशवाहा)
JSP- विजय कुशवाहा 

2020 के चुनाव में मधुबन विधानसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार राणा रणधीर सिंह ने जीत हासिल की थी। राणा रणधीर सिंह 73 हजार एक सौ 79 वोट लाकर पहले स्थान पर रहे थे।वहीं आरजेडी कैंडिडेट मदन प्रसाद 67 हजार तीन सौ एक वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे।इस तरह से बीजेपी उम्मीदवार राणा रणधीर सिंह ने मदन प्रसाद को 5 हजार आठ सौ 78 वोट के कम अंतर से हरा दिया था।वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में मधुबन विधानसभा सीट पर जेडीयू ने महागठबंधन पर महज एक हजार 35 वोट की लीड बनाई थी।ये आंकड़े बताते हैं कि मधुबन सीट पर एनडीए की लीड कम हुई है।इससे पता चलता है कि मधुबन विधानसभा सीट पर इस बार बेहद कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। मधुबन विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है।हालांकि, इस सीट के चुनावी नतीजों को तय करने में ब्राह्मण और राजपूत समाज की भी अहम भूमिका होती है।इसके अलावा मधुबन सीट पर कुशवाहा और रविदास वोटरों की भी निर्णायक भूमिका होती है।2020 की तुलना में 2024 के चुनाव में मधुबन सीट पर एनडीए की बढ़त कम हुई है।इससे संकेत मिलता है कि इस बार महागठबंधन के उम्मीदवार यहां पासा पलटने की क्षमता रखते हैं।

मोतिहारी विधानसभा सीट ।। Motihari Assembly Seat
NDA- प्रमोद कुमार (कानू)
MGB- देवा गुप्ता (कलवार)
JSP- अतुल कुमार (कायस्थ)

2020 के विधानसभा चुनाव में मोतिहारी सीट पर बीजेपी उम्मीदवार प्रमोद कुमार ने जीत हासिल की थी।प्रमोद कुमार ने 92 हजार सात सौ 33 वोट हासिल किया था।वहीं आरजेडी कैंडिडेट ओम प्रकाश चौधरी 78 हजार 88 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे।इस तरह से प्रमोद कुमार ने ओम प्रकाश चौधरी को 14 हजार छह सौ 45 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। 2024 के लोकसभा चुनाव में मोतिहारी विधानसभा सीट पर बीजेपी ने अपनी लीड को और भी बढ़ा दिया है।बीजेपी ने 2024 में मोतिहारी विधानसभा सीट पर 20 हजार पांच सौ 98 वोट की लीड हासिल की थी।ये आंकड़े संकेत देते हैं कि मोतिहारी सीट पर बीजेपी की मजबूत पकड़ है। मोतिहारी विधानसभा सीट पर मुस्लिम वोटरों की भूमिका सबसे बड़ी है।इसके बाद यहां कुर्मी,कोइरी,राजपूत और ब्राह्मण मतदाता यहां प्रभाव रखते हैं।.मोतिहारी के वर्तमान विधायक प्रमोद कुमार की गिनती इस इलाके के चर्चित नेताओं में होती है। प्रमोद कुमार कानू समाज से आते हैं।अगर 2020 और 2024 के चुनावों के आंकड़े को देखें तो ये संकेत मिलता है कि एक बार फिर से मोतिहारी में बीजेपी भगवा परचम लहरा सकते हैं।

चिरैया विधानसभा सीट ।। Chiraiya Assembly Seat
NDA- लालबाबू गुप्ता  (तेली )
MGB- लक्ष्मी नारायण यादव
JSP- संजय सिंह (राजपूत)

2020 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार लालबाबू गुप्ता को 62,904 वोट मिला था।जबकि आरजेडी कैंडिडेट अच्छे लाल प्रसाद को 46,030 वोट मिला था।

बड़ा वोट बैंक
मुस्लिम 43000
शाह 39000

2024 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 8,490 वोट के अंतर से जेडीयू ने आरजेडी पर लीड हासिल की थी। लेकिन तब रितू जायसवाल का फैक्टर आरजेडी के पक्ष में चला था। 

ढाका विधानसभा सीट ।। Dhaka assembly seat
NDA- पवन जायसवाल
MGB- फैसल रहमान
JSP- लालबाबू प्रसाद (तेली)

बड़े वोट बैंक
मुस्लिम-  102000
शाह-  38000

2020 के विधानसभा चुनाव में ढाका सीट पर बीजेपी कैंडिडेट पवन कुमार जायसवाल ने जीत हासिल की थी।पवन कुमार जायसवाल 99 हजार सात सौ 92 वोट लेकर पहले स्थान पर रहे थे। वहीं आरजेडी उम्मीदवार फैजल रहमान 89 हजार छह सौ 78 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे।इस तरह से पवन कुमार जायसवाल ने फैजल रहमान को 10 हजार एक सौ 14 वोट के अंतर से हरा दिया था,.लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में ढाका विधानसभा सीट पर आरजेडी ने बाजी पलट दिया था।इस चुनाव में आरजेडी ने एनडीए पर 12 हजार आठ सौ 18 वोट की लीड बना ली थी। हालांकि इस लीड में रितू जायसवाल का भी बड़ा हाथ था। ढाका विधानसभा सीट पर मुसलमान किंगमेकर की भूमिका में हैं।ढाका विधानसभा में मुसलमानों की आबादी 32 फीसदी से ज्यादा है।ऐसा माना जाता है कि मुसलमान जिसे चाहते हैं, वही चुनाव जीतता है।इसका उदहारण साल 2020 का विधानसभा चुनाव है।.हालांकि इस सीट पर मुस्लिमों के अधिक संख्या होने की वजह से दूसरे पक्ष में ध्रुवीकरण भी देखने को मिलता है।वैसे इस सीट पर सवर्ण और पिछड़े वर्गों के मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं।


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