तस्वीरों में देखिए, 16 महीने व्हीलचेयर पर रहने के बाद भी ये शख्श इस तरह बना वर्ल्ड चैंपियन

punjabkesari.in Saturday, Apr 30, 2016 - 11:25 AM (IST)

कानपुर: उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के लाजपत भवन में आयोजित उत्तर प्रदेश बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में वर्ल्ड चैंपियन यतिंदर सिंह भी शामिल हुए थे। उन्होंने पिछले साल बेंकॉक में हुई एक प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीता था। 

जानकारी के अनुसार सराहरनपुर के रहने वाले यतिंदर (32) स्ट्रॉन्ग विलपावर के जीते-जागते उदाहरण हैं। 2006 में यतिंदर का एक्सीडेंट हुआ था। इस एक्सीडेंट में उनकी रीढ़ की हड्डी की एल-4, एल-5 और एस-1 पूरी तरह से डैमेज हो गई थी। यतिंदर की जान बचाने के लिए डॉक्टर्स को उनकी रीढ़ की हड्डी को छोटा करना पड़ा था। सर्जरी के बाद यतिंदर का चलना-फिरना मुश्किल हो गया था। उन्होंने अपनी जिंदगी के 16 महीने व्हीलचेयर के सहारे बिताए थे। 

यतिंदर का कहना है कि मेरे घर में पिता जी और दादा जी का शरीर काफी लम्बा चौड़ा है। जब 12 साल की उम्र में मैं बहुत दुबला और कमजोर था। घर में मेरी सेहत को लेकर सभी परेशान रहते थे। एक बार तो स्कूल में भी टीचर ने मुझे कह दिया कि तुम इतने पतले और कमजोर हो अपनी जिंदगी में क्या करोगे। बस तभी मैंने सोच लिया कि मैं अपनी बॉडी से ही प्रसिद्ध होकर दिखाऊंगा। 

यतिंदर ने बताया कि ऐसी बॉडी बनाने में उनके साथ-साथ उनके कोच ने भी बहुत मेहनत की है। उनके कोच उनको शहर में होने वाले बॉडी बिल्डिंग कॉम्पीटीशन में लेकर जाते थे। 2003 में यतिंदर ने एक जिम में ट्रेनर की जॉब ज्वाइन की। 2004 में यतिंदर ने पहला फेडरेशन कप 75 किग्रा वर्ग में जीता था। इसके बाद साल 2006 तक इनकी झोली में कई इनाम आए। 

वहीं दूसरी तरफ 2006 में हुए हादसे ने यतिंदर को 2 साल तक बॉडी बिल्डिंग से दूर रखा। 2 साल के बाद फिट होते ही यतिंदर ने फिर से ट्रेनिंग शुरु कर दी। कड़ी मेहनत करने के बाद 2011 में यतिंदर की जिंदगी में नया मोड़ आया। उन्होंने सहारनपुर की रहने वाली नीलम से शादी कर ली। शादी के बाद से यतिंदर की जिंदगी ही बदल गई।