पंजाब केसरी की खबर का असर, बच्चे की मौत के मामले में DM ने दिया जांच का आदेश
punjabkesari.in Tuesday, Aug 30, 2016 - 02:29 PM (IST)
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक पिता अपने बच्चे का इलाज कराने के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल का चक्कर लगाता रहा। लेकिन उसका कहीं भी इलाज नहीं हो सका। जिसके बाद बच्चे ने अपने पिता के कंधे पर ही दम तोड़ दिया। बच्चे की मौते के बाद पंजाब केसरी ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था। जिसके बाद डीएम ने इस मामले में लापरवाही की जांच के आदेश दिए।
गौरतलब है कि फजलगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले सुनील के बेटे अंश (12) को मामूली बुखार आया था। अंश के पिता सुनील उसको लेकर हैलट एमरजेंसी पहुंचे, लेकिन वंहां के डॉक्टरों ने उसको भर्ती करने के बजाए बाल रोग विभाग जाने को कह दिया। हैलट एमरजेंसी से बाल रोग विभाग की दूरी 250 मीटर है, लेकिन अस्पताल की तरफ से उसको स्ट्रेचर तक नहीं दिया। मजबूरन अपने अचेत बेटे को कंधे पर लेकर पिता यहां वहां भटकता रहा और आखिरकार मासूम ने दम तोड़ दिया। मेडिकल सेंटर वहां से करीब 250 मीटर दूर था।
इसके बाद पिता जब अपने बेटे को लेकर अस्पताल पहुंचा तो वहां के डॉक्टर ने बताया कि बच्चा इस संसार को अलविदा कह चुका था। लाचार पिता किसी को दोष देने की बजाय अपनी किस्मत पर रोता हुआ चुपचाप वहां से चला गया। इलाज का अभाव और मरीज को स्ट्रेचर नहीं मिलने का हैलेट अस्पताल में ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले ही ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं।
गौरतलब है कि फजलगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले सुनील के बेटे अंश (12) को मामूली बुखार आया था। अंश के पिता सुनील उसको लेकर हैलट एमरजेंसी पहुंचे, लेकिन वंहां के डॉक्टरों ने उसको भर्ती करने के बजाए बाल रोग विभाग जाने को कह दिया। हैलट एमरजेंसी से बाल रोग विभाग की दूरी 250 मीटर है, लेकिन अस्पताल की तरफ से उसको स्ट्रेचर तक नहीं दिया। मजबूरन अपने अचेत बेटे को कंधे पर लेकर पिता यहां वहां भटकता रहा और आखिरकार मासूम ने दम तोड़ दिया। मेडिकल सेंटर वहां से करीब 250 मीटर दूर था।
इसके बाद पिता जब अपने बेटे को लेकर अस्पताल पहुंचा तो वहां के डॉक्टर ने बताया कि बच्चा इस संसार को अलविदा कह चुका था। लाचार पिता किसी को दोष देने की बजाय अपनी किस्मत पर रोता हुआ चुपचाप वहां से चला गया। इलाज का अभाव और मरीज को स्ट्रेचर नहीं मिलने का हैलेट अस्पताल में ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले ही ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं।