डॉक्टरों की लापरवाही, शव को पोस्टमार्टम के लिए रिक्शा पर भेजा (Pics)

punjabkesari.in Friday, Sep 23, 2016 - 02:11 PM (IST)

कानपुर(अंबरीश त्रिपाठी): बीते दिनों कानपुर के हैलट अस्पताल में पिता को स्ट्रेचर नहीं मिलने के कारण अपने बेटे को कंधे पर लादकर ले जाने वाली तस्वीरें शायद आप भूल नहीं पाए होंगे, जिसपर जिलाधिकारी ने जांच भी बैठाई थी और कई कर्मचारी और डॉक्टर निलंबित भी हुए थे। लेकिन उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा सुधरने का नाम नहीं ले रहा। स्वास्थ्य विभाग के नियम क़ानून की धज्जियां उड़ाती तस्वीरें एक बार फिर कानपुर में देखने को मिली। जहां एक लावारिस महिला के शव को जिला अस्पताल से पोस्टमार्टम हाऊस तक जाने के लिए गाड़ी तक नहीं मिली जबकि ये नियम में है।

जानकारी के अनुसार कानपुर में चिकित्सा विभाग अच्छी और बेहतर सुविधाओं के भले लाख दावे करता हो लेकिन हकीकत का अंदाजा तो यह तस्वीरें देख कर आप खुद लगा सकते हैं। इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि रिक्शा ठेले से शव को कानपुर के सरकारी जिला अस्पताल उर्सला से पोस्टमार्टम हाऊस ले जाया जा रहा है। दरअसल इस अज्ञात महिला को किसी ने बीती 13 तारीख को उर्सला में भर्ती कराया था। गेर रात उसकी मौत के बाद उसके शव को पोस्टमार्टम भेजना था लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उसके लिए न तो एबुलेंस का इंतजाम किया न ही शव वाहन का। जो होमगार्ड महिला के शव को पोस्टमार्टम ले गया था उसका कहना है की डॉक्टर ने उससे खुद कहा कि अस्पताल के बाहर संतोष नाम का रिक्शे वाला है वो शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाएगा।

वहीं दूसरी तरफ इस मामले में कानपुर के सीएमओ आर पी यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा की शासना देश आया हुआ है और सरकार ने व्यवस्था भी की है कि जिनकी भी मृत्यु अस्पताल में होगी तो उनका शव शव वाहन से जाएगा। इसके लिए जिला अस्पताल को एक शव वाहन मिल भी चुका है। इसके अतिरिक्त शहर में जितने भी शव वाहन है चाहे वो निजी हो या किसी एन जी ओ के द्वारा संचालित है उन सभी के गाड़ी नम्बर और मोबाइल नम्बर संकलित करके जिला अस्पताल की दीवार पर पेंट करा दिया है। कल के मामले पर उन्होंने कहा की इन्हीं सब मामलों को देखते हुए यह व्यवस्था की गई है। यह मामला बहुत ही गंभीर है। लोगों को अभी इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं हुई है इसके प्रचार के लिए हम जन सूचना विभाग का भी सहारा लेंगे। 

बताया जा रहा है कि रिक्शा चालक संतोष जब जिला अस्पताल उर्सला से महिला के शव को ले जा रहा था तो रास्ते में परेड चौकी,थाना बजरिया, कोहना चौकी, थाना स्वरुप नगर पड़े, लेकिन किसी अधिकारी ने देखने के बाद भी पूछने की जहमत नहीं उठाई। अगर देखा भी होगा तो उन्होंने मुह फेर लिया होगा   ऐसे में सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है कि प्रदेश सरकार डंका पिटती है कि जिला अस्पतालों में सुविधाएं मुहैय्या है लेकिन इन तस्वीरो को देखकर लगता है कि सब कुछ कागजों पर है आम जनता के लिए कुछ नहीं।