रेपिस्‍ट अफसर ने कैसे किया टॉर्चर...लड़की ने खुद की डाक्‍यूमेंट्री बना बताया दर्द (Pics)

punjabkesari.in Thursday, May 05, 2016 - 11:02 AM (IST)

कानपुर:  साक्षी भारती रेप मामले की शिकार पीड़िता ने अपने साथ हुए इस घटनाक्रम पर एक डाक्‍यूमेंट्री बनाई है। इस डाक्‍यूमेंट्री को लखनऊ जिले में मंगलवार को रिलीज किया गया। आपको बता दें कि 2010 में हुए इस कांड का आरोपी सी.ओ. अमरजीत शाही इस समय कानपुर जेल में है। उसे न सिर्फ बर्खास्‍त किया गया है बल्कि कोर्ट ने उसे 10 साल की सजा भी सुनाई है। 

जानकारी के अनुसार पीड़िता का कहना है कि 26 जनवरी 2010 को वह कानपुर के सी.ओ. कैंट कैप्टन अमरजीत शाही से मिली थी। धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती हो गई। इसी दौरान अमरजीत सिंह हमारे घर पर कभी बीबी व कभी अकेले आने लगा। लेकिन उसके इरादों से मैं और मेरा परिवार अंजान था। 

8 नवंबर 2010 को दोपहर के समय अमरजीत सिंह घर पर आया। उस समय घर पर मैं अकेली थी। सर्दी का समय था इसलिए उसने मुझे चाय बना कर लाने के लिए कहा। जब मैं चाय लेकर आई तो उसने मुझे पानी लाने के लिए कहा। जब मैं पानी लेने गई तो उसने पीछे से मेरी चाय में नशीली दवा मिला दी, जिसके बाद मुझे कुछ पता नहीं चला के क्या हुआ। 

आरोपी ने बाद में जब मुझे मेरी न्यूड फोटो और एम.एम.एस. दिखाया तो मेरे होश उड़ गए। आरोपी ने इन फोटो और एम.एम.एस. का को वायरल करने की धमकी देकर एक साल तक मेरे साथ बलात्कार किया। जब मैंने इस बात का विरोध किया तो उसने मुझे अपनी पिस्तौल दिखाकर धमकी दी कि अगर मैंने उसकी बात नहीं मानी तो वह मुझे और मेरे परिवार को जेल में डाल देगा। 

पीड़िता का कहना है कि उसके साथ ऐसी घटना होने के बाद वह बहुत परेशान रहने लगी थी। इसी परेशानी के चलते उसने 13 मार्च 2012 को जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश भी की थी। लेकिन उसके परिजनों समय पर उसे अस्पताल पहुंचा कर बचा लिया। इसके बाद मैंने मन बना लिया कि मैं आरोपी को सजा दिला के ही रहूंगी। 

वहीं दूसरी तरफ इस मामले में आरोपी अमरजीत सिंह के खिलाफ 15 मार्च 2012 को पीड़िता का शिकायती पत्र स्वीकार कर FIR दर्ज किया गया। 9 अप्रैल 2012 को अदालत में चार्जशीट दाखिल हुई। इसके बाद 18 अप्रैल 2012 को अमरजीत को जेल हुई। जून 2013 को वह बेल पर जेल से बाहर आ गया। जेल से बाहर आने पर वह मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी देने लगा। 18 मई 2015 को कोर्ट ने अमरजीत को 10 साल की सजा सुनाई और साथ ही 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया।