यूपी पुलिस ने आज भी रखे हैं करोड़ों रुपए के 500-1000 के पुराने नोट

punjabkesari.in Tuesday, Jan 23, 2018 - 11:23 AM (IST)

आगरा: 8 नवंबर 2016 की रात की गई नोटबंदी को सवा साल हो गया, लेकिन पुलिस के मालखानों में रखे 500-1000 के पुराने नोट अभी तक नहीं बदले गए। एक-एक जिले में एक-एक करोड़ से ज्यादा रकम है। समस्या एक जिले या एक प्रदेश की नहीं, पूरे देश की है। करोड़ों रुपए हैं, जो अब रद्दी बन चुके हैं।

पुलिस के आला अफसरों तक ने इन्हें बदलवाने के लिए प्लान तो बनाए, लेकिन एक भी अंजाम तक नहीं पहुंच पाया। आरबीआई ने कहा था कि प्रत्येक जिले में नोट बदलवाने के लिए एक तारीख दी जाएगी। दिन, महीने गुजरते चले गए, वह तारीख अभी तक नहीं आई है। आगरा की बात करें तो यहां 43 थाने हैं, इनमें 10 करोड़ से ज्यादा रुपए पुराने नोट हैं। इसमें अपराधियों की निशानदेही पर बरामद पैसा भी है और उनकी जामा तलाशी में मिली रकम, ट्रैफिक के चालान में मिला जुर्माना और जुए और सट्टे में पकड़ी गई रकम, कुछ पैसा सरकारी है तो कुछ उन पीड़ितों का है, जो लूट, चोरी जैसी वारदातों के शिकार हुए। हरिपर्वत, एत्माद्दौला, सिकंदरा, एत्मादपुर, न्यू आगरा ऐसे थाने हैं, जहां यह रकम ज्यादा है।

इन थानों के मालखानों के इंचार्जों का कहना है कि पुराने नोट बदलने पर काफी विचार हुआ था। प्लान भी बन गया था। नकली नोट अलग कर दिए गए थे। 500-1000 के नोट अलग किए गए, इनके डिटेल तैयार कराई गई। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पुलिस लाइन में ड्रिल भी कराई गई थी ताकि रिकॉर्ड रखने में कोई चूक न हो जाए। सीओ क्राइम एएसपी श्लोक कुमार का कहना है कि पुराने नोट बदले जाने पर काम तो काफी किया गया। आरबीआई से बताया गया था कि प्रत्येक जिले के लिए एक तारीख दी जाएगी। इसके बाद बात आगे नहीं बढ़ी।

तो पुराने नोट ही देगी पुलिस
अभी तक पुलिस के पास ऐसी कोई गाइड लाइन नहीं है कि अगर किसी पीड़ित को उसकी रकम मालखाने से देनी पड़ जाए तो उसे 500-1000 वे ही नोट दिए जाएंगे, जो बंद किए जा चुके हैं या फिर नए नोट। इसका अर्थ यही है कि पुलिस पुराने नोट ही देगी, क्योंकि उसके पुराने नोट ही गए थे और पुराने ही बरामद हुए थे। अगर पुलिस किसी को 500-1000 के नोट दे देती है तो वह मुसीबत में फंस जाएगा क्योंकि बंद की जा चुकी इस करंसी को रखना अपराध की श्रेणी में आ चुका है। ऐसे में एक तरफ  पुलिस उसे नोट देगी और दूसरी ओर उसे तुरंत ही पकड़ सकती है। जाहिर है कि डर के मारे कोई रकम लेने ही नहीं जाएगा।

रद्दी बन रहा है विकास का पैसा
500-1000 के जो पुराने नोट थानों में रखे रद्दी बन रहे हैं, उनमें ज्यादातर ऐसे हैं, जो सरकारी संपत्ति है। इन्हें चालान के रूप में जमा किया गया। यह पैसा सरकार के खजाने में जाकर विकास के लिए खर्च किया जाता। अब सरकार को ही फैसला लेना होगा कि इसका निस्तारण कैसे किया जाए? आगरा के एसपी सिटी कुंवर अनुपम सिंह का कहना है कि थानों के मालखानों में रखे पुराने नोट अभी बदले नहीं गए हैं। इस पर विचार किया जा रहा है कि इन्हें कैसे बदला जाए? अगर कोई पीड़ित आता है, जिसे पुराने नोट में से रकम दी जानी है तो ऐसे मामले में विधि विशेषज्ञों की राय ली जाएगी। किसी को भी पुराने नोट नहीं दिए जाएंगे।