एक अनोखी दीपावली, 31 हजार दीपकों की रोशनी से जगमगायेगा यमुना तट

punjabkesari.in Friday, Nov 03, 2017 - 01:41 PM (IST)

मथुरा: उत्तर प्रदेश में कान्हा की नगरी मथुरा में 4 नवम्बर को देव दीपावली के मौके पर यमुना तट पर 31 हजार दीपक औलोकिक छटा बिखिरेंगे। धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार चातुर्मास में सभी तीर्थ ब्रजमंडल में आ जाते हैं और 4 माह तक ब्रज में ही रहते हैं। इसके पीछे नन्दबाबा और मां यशोदा की तीर्थाटन करने की इच्छा को कान्हा के सामने प्रकट करना है। श्यामसुन्दर ने इसके बाद ही सभी तीर्थों को ब्रजमंडल में प्रकट किया था और इसी कारण चातुर्मास में ब्रज चैरासी कोस की परिक्रमा लगती है।

प्रयागराज का तीर्थो पर कितना असर है इसे देखने के लिए श्यामसुन्दर ने रासलीला करने का निश्चय किया। चतु:सम्प्रदाय वैष्णव परिषद के महन्त फूलडोल बिहारी दास महराज के अनुसार एक बार जब श्यामसुन्दर राधारानी के साथ रासलीला करने के लिए वन विहार पर गए तो उन्होंने तीर्थराज प्रयाग से कहा कि वे उनकी अनुपस्थिति में यह देखें कि सभी तीर्थ सही तरीके से काम करें। जब वे रासलीला कर कुछ दिनों बाद वापस आए तो उन्होंने तीर्थराज से पूछा कि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी तो नहीं हुई और क्या सभी तीर्थों ने उन्हें सहयोग किया है। तो प्रयागराज ने कहा कि उन्हें सभी तीर्थों ने तो सहयोग किया है किंतु मथुरा तीर्थ ने सहयोग नहीं किया है।

इस पर श्यामसुन्दर ने प्रयागराज से कहा कि उन्होंने उनको तीर्थों का राजा बनाया था पर अपने घर का राजा नहीं बनाया था। इसके बाद प्रयागराज श्यामसुन्दर के सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गए और कहा कि प्रायश्चित स्वरूप वे सजा भुगतने को तैयार हैं।  उन्होंने बताया कि इस पर श्यामसुन्दर ने कहा कि वे सभी तीर्थों को लेकर चातुर्मास में ब्रज में ही रहें। तीर्थों के रहने के कारण देवी देवता भी यहां रहते हैं क्योंकि तीर्थ के देव के बिना तीर्थ का अस्तित्व ही नहीं है।