RLD के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान का निधन

punjabkesari.in Sunday, Jul 31, 2016 - 11:21 AM (IST)

लखनऊ: किसानों की समस्याओं के लिए जूझने वाले संघर्षशील नेता और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान का आज तड़के यहां निधन हो गया। 61वर्षीय चौहान डेगू से पीडित थे। सूबे के सिंचाई मंत्री रह चुके चौहान को 3 दिन पहले बुखार आने पर यहां सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

वहां से उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया लेकिन हालत में सुधार नहीं होने पर कल उन्हें संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) ले जाया गया जहां आज तड़के उन्होंने अंतिम सांस ली। किसानों की समस्याओं के लिए हमेशा संघर्षरत रहे चौहान उत्तर प्रदेश विधान परिषद के 2 बार सदस्य रहे। गन्ना किसानों की समस्याओं के लिए हमेशा मुखर रहने वाले चौहान को कई लोग ‘गन्ना सिंह‘ कहने लगे थे। वह कई शिक्षण संस्थानों से भी जुडें थे। 

फैजाबाद में रौनाही क्षेत्र के महोली गांव के निवासी चौहान के परिवार में पत्नी और एक पुत्र हैं। उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए यहां पार्टी मुख्यालय पर कुछ देर के लिए रखा गया जहां बडी संख्या में लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर अपने नेता को अंतिम विदाई दी। उनके निधन से राज्य के राजनीतिक क्षेत्र में शोक की लहर दौड गई।

राज्यपाल, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गहरा दु:ख व्यक्त किया है। राज्यपाल राम नाईक ने अपने शोक संदेश में कहा कि प्रदेश के किसानों ने आज अपना जुझारु नेता खो दिया। चौहान को किसानों की समस्याओं को लेकर संघर्षशील नेता के रुप में याद किया जाएगा। 

नाईक ने उनकी आत्मा की शांति और परिवार को इस दु:ख को सहने की क्षमता देने के लिए ईश्वर से प्रार्थना भी की। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने चौहान की मृत्यु पर दु:ख प्रकट करते हुए उन्हे जुझारु नेता बताया। यादव ने कहा कि चौहान उनके मंत्रिमंडल में सिंचाई मंत्री थे। उन्होंने उनके काम को नजदीक से देखा है। उनमें संघर्ष करने की अटूट क्षमता थी। वह चौधरी चरण सिंह के सच्चे अनुयायी थे। किसानों के मामलों को लेकर वह कोई समझौता नहीं करते थे। उनके निधन से खासतौर पर किसानों की अपूर्णीय क्षति हुई है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चौहान की अचानक हुई मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें किसानों का सच्चा हितैषी बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुन्ना सिंह चौहान पूरी तरह लोकतांत्रिक थे। किसानों की हित के लिए वह किसी भी सीमा तक जा सकते थे। कभी -कभी वह उनसे भी झगड पडते थे। रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह और महासचिव जयंत चौधरी ने उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि चौहान के निधन से किसानों की क्षति तो हुई ही है, उनका व्यक्तिगत तौर पर भी नुकसान हुआ है। सिंह ने कहा कि मुन्ना सिंह चौहान को उनके जुझारुपन के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। 

यादव ने कहा कि गन्ना किसानों के बकाये के भुगतान के लिए चौहान ने हर मंच पर अपनी आवाज बुलन्द की। उनके निधन से राज्य के किसानों ने अपना एक सच्चा हितैषी खो दिया। उनके निधन पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पाण्डेय, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र प्रताप सिंह ,भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और महासचिव विजय बहादुर पाठक ने भी गहरा शोक व्यक्त किया। उनका अंतिम संस्कार आज ही दोपहर बाद उनके पैतृक गांव फैजाबाद के महोली में किया जाएगा।