अखिलेश की इस नई शर्त ने बढ़ाई SP की मुश्किलें

punjabkesari.in Wednesday, Oct 26, 2016 - 08:03 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की राम गोपाल की वापसी के बगैर शिवपाल समेत चारों बर्खास्त मंत्रियों को मंत्रिमण्डल में शामिल करने से साफ इंकार कर दिया। जिससे स्थापनाकाल के बाद सबसे बड़ी समस्या से जूझ रही समाजवादी पार्टी(सपा) का संकट और बढ़ गया।

परिवार एक था, एक है और एक ही रहेगा
सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने पार्टी दफ्तर में ताल ठोंककर कहा था कि मेरा परिवार एक था, एक है और एक ही रहेगा। पार्टी एकजुट है,कोई झगडा नहीं है। इस बयान के बाद लगा था कि परिवार की रार थम गई है लेकिन शाम होते होते मुख्यमंत्री की नई शर्त से यादव के बयान पर पानी फिरता नजर आने लगा। मुख्यमंत्री ने यहां तक कह दिया कि मैं चुनाव के लिए तैयार हूं। अब दबाव सहन नहीं करुंगा। सपा अध्यक्ष ने हालांकि यह भी कहा था कि बर्खास्त मंत्रियों की मंत्रिमण्डल में वापसी का निर्णय वह मुख्यमंत्री पर छोडते हैं। 

सपा में विवाद अभी थमा नहीं
मुलायम सिंह यादव के संवाददाता सम्मेलन में शिवपाल समेत चारों बर्खास्त मंत्री भी मौजूद थे। संवाददाता सम्मेलन में विधान परिषद सदस्य आशु मलिक भी उपस्थित थे।  मलिक का कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री आवास में सूबे के वन राज्यमंत्री तेज नारायण उर्फ पवन पाण्डेय ने मारा।उन्होंने पुलिस से इसकी शिकायत भी की है। सपा अध्यक्ष संवाददाता सम्मेलन में विवादों को खत्म होने को लेकर काफी आश्वस्त दिख रहे थे लेकिन अखिलेश यादव के समर्थकों द्वारा पार्टी कार्यालय पर मुख्यमंत्री को फिर से सपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए किे जा रहे हंगामे से ही साफ हो गया था कि विवाद अभी थमा नहीं है।

2 महीने के लिए क्या मुख्यमंत्री बनना-मुलायम
पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बेटे अखिलेश यादव और अनुज शिवपाल सिंह के बीच पार्टी मुख्यालय में मंच पर हुई धक्का मुक्की के बाद सुलह सफाई और मान मनोवल की कोशिशें भी बहुत कारगर नहीं रहीं। यादव ने अपने संघर्षों और जनता से जुड़ाव की बात की लेकिन 2 दिन पहले मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए अपने अनुज को फिर से मंत्री बनाए जाने के मसले को बड़ी सफाई से टाल गए। हालांकि उन्होंने दावा किया था कि परिवार और पार्टी एक है। हम सब एक हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव द्वारा बार-बार की जा रही ‘नेतृत्व सम्भालने की मांग’ के बारे में उन्होंने कहा कि 2 महीने के लिए क्या मुख्यमंत्री बनना। अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं किसी को आपत्ति है। 

सीएम का चुनाव विधानमण्डल दल करता है-मुलायम
सपा मुखिया ने कहा कि 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव उनके नाम पर लड़ा गया था। पार्टी को बहुमत मिला था और मुख्यमंत्री अखिलेश को बना दिया गया। जिम्मेदारी कैसे निभाएंगे वह जानें। संवाददाताओं द्वारा बार-बार यह पूछने पर कि क्या 2017 में होने वाले राज्य विधानसभा के चुनाव में अखिलेश यादव पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे, सपा मुखिया ने कहा कि यह सवाल बहुमत बनने पर पूछिएगा कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा। उन्होंने कहा कि हमारी लोकतांत्रिक पार्टी है। मुख्यमंत्री का चुनाव विधानमण्डल दल करता है। सभी पार्टियों में इस तरह से फैसला लेने की परम्परा है। दिल्ली में भी ऐसा ही होता है। वहां भी सांसद नेता चुनते हैं।

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