HC ने PFI के दो सदस्यों के खिलाफ आतंक के मामले को CBI को सौंपने से किया इंकार
punjabkesari.in Sunday, Aug 01, 2021 - 10:17 AM (IST)
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने केरल के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया सदस्य अनशद बदरूददीन और फिरोज के सी के मामले की सीबीआई जांच के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने यह तर्क मानने से इंकार कर दिया कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के अधिकारीगण व एटीएस के अधिकारियों ने उसके खिलाफ दुर्भावना व पक्षपातपूर्ण रूप से विवेचना पूरी की। अदालत ने कहा कि कहा कि पोर्टल पर 'साउथ टेरर' शब्द का प्रयोग करने मात्र से यह नहीं कहा जा सकता कि जांच एजेंसी ने पक्षपात किया।
बता दें कि यह आदेश न्यायमूर्ति डी के उपाध्याय व न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने अनशद बदरूद्दीन की ओर से उसके भाई अजहर द्वारा दाखिल याचिका को खारिज करते हुए पारित किया। याची के अधिवक्ताओं मोहम्मद ताहिर व एस एम अल्वी ने मामले की विवेचना सीबीआई से कराने का अनुरोध करते हुए कहा था कि प्रदेश की एजेंसियां पक्षपात कर रही हैं, क्योंकि याची पीएफआई का सदस्य है। कहा गया कि विवेचना पूरी करके आरोपपत्र भी दाखिल कर दिया गया जबकि एटीएस को विवेचना का अधिकार नहीं था, न ही संबधित अदालत को संज्ञान लेने का क्षेत्राधिकार था।
अदालत ने सारे तथ्यों पर गौर करने के बाद कहा, ''विवेचना पूरी हो चुकी है और आरोपपत्र पर संज्ञान लिया जा चुका है। याची ऐसा कोई तथ्य नहीं पेश कर सके जिससे कि प्रतीत होता कि राज्य सरकार व एटीएस ने पक्षपातपूर्ण कार्य किया। हालांकि, पीठ फैसले के दौरान कहा कि राज्य के एक पोर्टल पर ''साउथ टेरर'' जैसे शब्द के प्रयोग को वह अमान्य करते हैं। एटीएस ने याचिकाकर्ता अनशद और एक अन्य के खिलाफ 16 फरवरी 2021 को लखनऊ में मामला दर्ज किया था। दोनों को लखनऊ के कुकरैल जंगल से गिरफ्तार किया गया था।