अयोध्या एक बार फिर सुर्खियों में

punjabkesari.in Tuesday, Dec 22, 2015 - 09:33 AM (IST)

लखनऊ/अयोध्या:  अयोध्या में विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को तराशने के लिए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की कार्यशाला में आए नए पत्थरों की खेप और उनके पूजन को लेकर अयोध्या एक बार फिर सुर्खियों में है। कार्यशाला यूं तो सितम्बर 1990 से चल रही है लेकिन पिछले दिनों इसमें काम काफी धीमा हो गया था। पत्थरों की नई खेप कल पहुंचते ही राजनीति गरमाने के साथ ही कानून व्यवस्था को लेकर तमाम चर्चाएं शुरु हो गई।  मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पत्थरों को लेकर उच्चाधिकारियों को कानून व्यवस्था हर हाल में बनाए रखने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव आलोक रंजन और गृह विभाग के प्रमुख सचिव देवाशीष पाण्डा को राज्य में हर हाल में भाई चारा तथा साम्प्रदायिक सछ्वाव बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने के सख्त निर्देश दिए। यादव ने कहा कि मंदिर-मस्जिद विवाद का मामला उच्चतम न्यायालय में लम्बित है। इसलिए अयोध्या में अनावश्यक छेडछाड की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी।

कानून व्यवस्था खराब करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उनकी सरकार उच्च्तम न्यायालय के आदेश का अक्षरश: पालन कराएगी। उन्होंने अफवाह फैलाने वालों और असामाजिक तत्वों पर कडी निगरानी रखने के साथ ही सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। विवादित बाबरी मस्जिद के मुद्दई मोहम्मद हाशिम अंसारी का कहना है कि पत्थरों की आई नई खेप से लगता है कि विहिप इस मुद्दे को एकबार फिर गरमाना चाहती है। उनका आरोप है कि केन्द्र सरकार विकास के कोई काम नहीं कर पा रही है। बिहार में भाजपा हार गई है।

अयोध्या के सहारे भाजपा चुनावी वैतरणी पार करने की जुगत में है इसीलिए इस मुद्दे को अभी से हवा देने की कोशिश की जा रही है।  उधर, बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि सपा सरकार को कानून व्यवस्था बनाए रखने के हरसम्भव प्रयास करने चाहिए। मायावती ने कहा कि तीस सितम्बर 2010 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ की विशेष पूर्णपीठ के अयोध्या के सम्बन्ध में आए आदेश के समय उनकी सरकार थी। उनकी सख्ती की वजह से अयोध्या समेत पूरे राज्य में शांति बनी रही।