मोदी जी, 175 नहीं 3 हजार करोड़ रुपए बकाया है गन्ना किसानों का: अखिलेश

punjabkesari.in Sunday, Jul 24, 2016 - 11:18 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गन्ना किसानों के बकाये की सही जानकारी नहीं है तभी तो वह 3 हजार करोड़ के बकाये को महज 175 करोज़ बता रहे हैं। यादव ने यहां शिक्षकों, संस्कृत विद्वानों और वैज्ञानिकों को सम्मानित करने के बाद कटाक्ष किया कि गोरखपुर में मंच से हिसाब किताब दिया गया। प्रधानमंत्री जी को पता नहीं किसने बता दिया कि गन्ना किसानों का केवल 175 करोड़ रुपया बकाया है। बकाया तो करीब 3 हजार करोड़ रुपए है। मैं भी पता लगा रहा हूं कि प्रधानमंत्री जी को किसने गलत हिसाब दे दिया।

उन्होंने कहा कि गोरखपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के लिए जमीन हमने दी और पट्टिका में मेरा ही नाम नहीं। हम महाभारत नहीं चाहते। हम तो विकास चाहते हैं। वे चमत्कारी और चालू लोग हैं। गोरखपुर में 200 एकड जमीन दी। उस पर जनहित याचिका दायर करवा दी गई। मैंने सोचा अदालती निर्णय का इन्तजार क्यों किया जाए। दूसरी जमीन दे दी। जमीन देने के बाद अदालती निर्णय भी आ गया।  मुख्यमंत्री ने कहा कि रायबरेली में उन्होंने एम्स के लिए जमीन दी, लेकिन शिलान्यास में बुलाया तक नहीं गया।

गोरखपुर में पत्थर में नाम नहीं। समाजवादियों का यही दुर्भाग्य है। काम खूब करते हैं लेकिन श्रेय कोई दूसरा ले जाता है। इसके बावजूद वह निराश नहीं हैं और केवल विकास की ही राजनीति पर अडिग हैं। यादव ने कहा कि रायबरेली और गोरखपुर में एम्स बन जाए इससे अच्छी और क्या बात है। विकास कार्यो के लिए उनकी सरकार जितनी जमीन की आवश्यकता होगी, दी जाएगी। उन्होंने कटाक्ष किया कि प्रधानमंत्री को उत्तर प्रदेश की काफी चिन्ता है, लेकिन इस राज्य के बारे में उन्हें आंकडे गलत दिए जाते हैं।

विद्वानों को सम्मानित करते हुए  यादव ने कहा कि सम्मान से सीखने की प्रेरणा मिलती है, समाजवादियों ने हर वर्ग को सम्मान दिया है। बसपा सरकार में हिन्दी संस्थान, उर्दू, संस्कृत और यशभारती सम्मान को बंद कर दिया था। उनकी सरकार आते ही इसे फिर से शुरु करवाया गया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने शिक्षकों, वैज्ञानिकों और संस्कृत विद्वानों को विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा।

यादव ने गोरखपुर विश्वविद्यालय के जन्तु विज्ञान के प्रोफेसर अजय कुमार श्रीवास्तव को और राजकीय महाविद्यालय पीलीभीत के डा रामप्रकाश यादव को सरस्वती पुरस्कार तथा डा हिमांशु पांडेय(गोरखपुर), डा रवीन्द्र प्रताप सिंह (लखनऊ), डा दिनेश चन्द्र शर्मा (गौतमबुद्धनगर) को शिक्षक श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अलावा उन्होने 28 वैज्ञानिकों को और 27 संस्कृत विद्वानों को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया।