सपा में मचे घमासान पर BJP-BSP के खिले चेहरे

punjabkesari.in Tuesday, Oct 25, 2016 - 12:52 PM (IST)

लखनऊ: समाजवादी कुनबे की कलह पर विपक्ष की निगाह लगी है। खासकर भाजपा व बसपा इस उठापटक में लाभ की संभावना टटोल रहे हैं। वोटों के ध्रुवीकरण की उम्मीद लगाए बसपाइयों को भरोसा है कि समाजवादी पार्टी की फजीहत से हताश हुए मुस्लिम,भाजपा को हराने के लिए साइकिल छोड़ हाथी पर सवार हो सकेंगे। इसी तरह भाजपा भी पिछड़े वर्ग का झुकाव बढ़ने की आस लगाए है।

सपा की अंतर्कलह से मतदाता असमंजस में
बसपा नेतृत्व को उम्मीद है कि सपा की अंतर्कलह से उसके मतदाताओं में ऊहोपोह बढ़ी है। सपा में शीर्ष स्तर पर पालाबंदी से कार्यकर्त्ता बेहद हैरान है। पश्चिम उप्र से तालुक रखने वाले के एक मंत्री ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि परिवार में एेसी तकरार की उम्मीद किसी को नहीं थी। आम कार्यकर्त्ताओं को ही नहीं नेताओं की भी समझ नहीं आ रहा कि किस ओर खड़े हों, इसमें सबसे अधिक कन्फ्यूज मुसलमान हैं। गत लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिले जबरदस्त बहुमत के बाद मुस्लिम इस बार सर्तक हैं। सर्जिकल स्ट्राईक और तीन तलाक जैसे मामलों के गर्माने पर मुसलमानों में बेचैनी बढ़ी है। पिछड़ा मुस्लिम फ्रंट संयोजक बुंदू खान अंसारी का मानना है कि इस बार मुस्लिम भाजपा को हरान के लिए वोटिंग करेगा।

बड़ा उलटफेर संभव
पिछले चुनावों के नतीजों पर नजर डालें तो मात्र 3 से 5 फीसदी वोट पलटने पर बड़े उलटफेर होते रहे हैं। खासकर सपा और बसपा के बीच मुकाबला कड़ा होता जा रहा है। 2012 में 19.12 फीसद वोट हासिल कर सपा ने 224 सीटों पर जीत हासिल की थी जब कि बसपा ने 25.91 फीसद वोट लेने के बाद केवल 80 क्षेत्रों में सिमट गई थी। चुनाव विश्लेषक प्रो. एसके चतुर्वेदी के अनुसार अंतर्कलह से सपा के वोटों में गिरावट से इंकार नहीं कर सकते।

भाजपा की आस
भाजपा भी समाजवादी पार्टी की कलह से बदल रहे हालात में पिछड़े वर्ग के वोटर अपनी ओर आने का ख्वाब संजो रही है। नेतृत्व को भरोसा है कि सपा की कमजोरी से भाजपा को लाभ मिलेगा। क्योंकि बसपा से स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे नेताओं की बगावत से पिछड़े समाज का मोह भंग हुआ है। मोदी प्रभाव के बाद से पिछड़ा खासकर अति पिछड़ी जातियों पर भगवा रंग चढ़ा दिखता है। पार्टी के प्रदेश महामंत्री स्वतंत्रदेव सिंह का दावा है कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी बसपा व सपा का भंड़ाफोड़ हो चुका है। जनता दोनों दलों से छुटाकारा पाना चाहती है।

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