कैराना मामले में NHRC की रिपोर्ट, दहशत और खराब कानून व्यवस्था के कराण हुआ था ‘पलायन’

punjabkesari.in Thursday, Sep 22, 2016 - 12:27 PM (IST)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक जांच टीम ने पाया है कि उत्तरप्रदेश में कैराना से कई परिवारों ने ‘अपराध में बढ़ोतरी’ और वहां कानून एवं व्यवस्था की ‘गिरती’ स्थिति के डर से ‘पलायन’ किया। उसके तथ्यों के आधार पर आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजकर टीम की टिप्पणियों और सिफारिशों पर 8 हफ्ते के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

टीम ने संबंधित साक्ष्यों,प्रत्यक्षदर्शियों, स्वतंत्र गवाहों,संबंधित पुलिस अधिकारियों और एसडीएम से भी बातचीत की।एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि टीम ने कैराना के सांसद के पीएस से 346 विस्थापित परिवारों या व्यक्तियों की एक सूची भी हासिल की। उस सूची में 3 आवासीय जगहों का चुनाव हुआ और 6 कथित पीड़ितों या विस्थापित परिवारों या व्यक्तियों को सत्यापन के लिए चुना गया। 

जानकारी के अनुसार उच्चतम न्यायालय की वकील और गैर सरकारी संगठन से जुड़ी मोनिका अरोड़ा ने आयोग से शिकायत की थी कि कैराना में अपराधियों के डर से एक समुदाय के लोगों का पलायन हो रहा है। उन्होंने अपनी शिकायत में इस समुदाय के लोगों के साथ हो रही ज्यादतियों का हवाला भी दिया था। इनमें इस समुदाय की एक युवती के अपहरण, सामूहिक बलात्कार, उसकी हत्या, दो व्यापारियों और एक पेट्रोल पंप लूटने की हत्या का मामला शामिल है।

शिकायत में कहा गया था कि इस तरह की घटनाओं के कारण लगभग 250 परिवारों ने क्षेत्र से पलायन किया है। इस शिकायत के आधार पर आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव से चार सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा था। साथ ही उसने अपने जांच दल से भी इन घटनाओं की जांच कर दो सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा था। आयोग के जांच दल ने विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करने, पलायन करने वाले परिवारों ,पुलिस तथा गवाहों से बात करने और संबंधित दस्तावेजों को खंगालने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार की। जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में एक समुदाय के लोगों के खिलाफ आपराधिक घटनाओं का पता चला और इसके आधार पर उसने कुछ सिफारिशें की थी।