एंबुलेंस न मिलने पर बेटी की लाश गोद में लेकर रात भर रोती रही मां, DM ने कहा-कराएंगे जांच

punjabkesari.in Sunday, Sep 04, 2016 - 02:58 PM (IST)

मेरठ: एंबुलेंस न मिलने पर परिजनों के शव को कभी कंधे पर, तो कभी गोद में उठाकर ले जाने की आए दिन सामने आ रही घटनाओं के बीच अब उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में इस तरह का एक मामला सामने आया है। यहां एक महिला सरकारी एंबुलेंस न मिलने पर अपनी बेटी केे शव को रातभर गोद में लेकर अस्पताल में बैठी रही। जिलाधिकारी जगतराज ने घटना को गंभीर करार देते हुए कहा है कि वह इसकी जांच कराएंगे।

मामले के अनुसार बागपत जिले के गांव गौरीपुर निवाड़ा निवासी इमराना की ढ़ाई साल की बेटी गुलनाद वायरल बुखार से पीड़ित थी। इमराना के अनुसार पहले उसने बागपत में ही बेटी का इलाज कराया, लेकिन जब बेटी को आराम नहीं हुआ तो वह बागपत से अपनी बच्ची को लेकर मेरठ आ गई। यहां उसने बच्ची को जिले के सरकारी पीएल शर्मा अस्पताल में भर्ती कराया। उसने बताया कि गुरुवार की देर रात बच्ची की हालत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। लेकिन, वहां पहुंचते ही चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

वहां करीब 2 घंटे तक वह आपातकालीन वार्ड के बाहर खड़ी सरकारी एबुंलेंस के चालक से बच्ची के शव को अपने गांव ले जाने की गुहार लगाती रही। लेकिन एबुलेंस चालक ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि एंबुलेंस को दूसरे जनपद में ले जाना नियम के खिलाफ है। इमराना के अनुसार मजबूरन वह एक निजी एबुलेंस चालक को 200 रुपए देकर शव को जिले के पीएल शर्मा सरकारी अस्पताल लेकर पहुंची। लेकिन वहां भी उसे शव को गांव तक ले जाने के लिए सरकारी एबुलेंस नहीं मिल सकी। उसने अस्पताल के चिकित्सकों से शव को गांव तक ले जाने के लिए सरकारी एंबुलेंस की व्यवस्था कराने की कई घंटों तक गुहार लगाई।

उसने बताया कि चिकित्सकों ने एंबुलेंस चालक से सम्पर्क करने की बात कही। सरकारी एबुलेंस चालक ने एंबुलेंस दूसरे जिले में नहीं जाने की बात कहकर जाने से इंकार कर दिया। वहीं, निजी एंबुलेंस वालों ने 2500 रुपए मांगे, जो उस समय उसके पास नहीं थे। इमराना ने बताया कि इस वजह से वह अपनी बेटी गुलनाद का शव रात में अपने गांव नहीं ले जा सकी और रातभर जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड के गेट पर शव को गोद में लेकर बैठी रही।

सुबह किसी तरह मौके पर मौजूद लोगों ने चंदा एकत्र कर शव को निजी वाहन से गांव में पहुंचवाया। इस संबंध में जिलाधिकारी जगतराज ने कहा कि घटना गंभीर है। इसकी जांच कराई जाएगी। यदि कोई दोषी पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की जाएगी।