मोदी व अमित शाह पर भारी 2017, UP में अखिलेश जीतेंगे!

punjabkesari.in Thursday, Jan 19, 2017 - 10:58 AM (IST)

नई दिल्ली: देश के प्रमुख ज्योतिषाचार्य डा. अजय भांबी जिन्होंने फिल्म ‘कुली’ में अमिताभ बच्चन को लगी घातक चोट के बाद उनके फिल्म जगत में पुन: उभर कर आगे आने, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी तथा पाक की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या की भविष्यवाणियां की थीं, ने अब कहा है कि भारत की कुंडली वृष लग्न की है। 8 फरवरी तक देश को चंद्रमा में मंगल तथा उसके बाद चंद्रमा में राहू की अंतर्दशा चलेगी जिसे देखते हुए देश के लोगों में संदेह का माहौल देखा जाएगा।

वित्तीय संकट के कारण समाज में असंतोष बढ़ेगा। चंद्रमा तीसरे घर में है। चंद्रमा युवा लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। 2017 में युवा वर्ग में जागृति पैदा होगी तथा वह पुन: अन्ना हजारे जैसा कोई आंदोलन चला सकते हैं जिसकी छाया 2018 में भी पड़ेगी। इस आंदोलन के बीज 2017 में बो दिए जाएंगे। केंद्र की मोदी सरकार नौजवानों के सहयोग से सत्ता में आई थी परंतु नौजवानों के लिए वह कुछ नहीं कर सकी। अजय भांबी ने यह भविष्यवाणियां पार्लियामैंटेरियन पत्रिका में लिखे एक लेख में की हैं।

अमित शाह : अमित शाह की कुंडली का विशेषण चंद्र कुंडली के हिसाब से किया जाना बेहतर होगा। चंद्रमा नीच राशि में है तथा मंगल चौथे घर में नीच राशि में है। चंद्रमा तथा मंगल के बीच नीच भंग राजयोग बन रहा है। इसीलिए अमित शाह ने जीवन में इतनी अधिक तरक्की की। सूर्य भी सातवें घर में नीच राशि में है जिससे पता चलता है कि वह दृढ़ इच्छा शक्ति वाले व्यक्ति हैं। 2017 में अमित शाह की लीडरशिप पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्म लग्न वृश्चिक है तथा लग्न में नीच राशि का चंद्रमा मंगल के साथ बैठा है जिस कारण नीच भंग राजयोग बन रहा है। यही उन्हें प्रधानमंत्री की पदवी तक लेकर आया है परन्तु यही मंगल नवांश कुंडली में नीच राशि का बैठा हुआ है जिससे मंगल कमजोर हो गया है। इसीलिए मोदी ने नोटबंदी को लेकर भारी जोखिम उठाया। मोदी का राष्ट्रीय राजनीति में उभार 2009 में शुरू हुआ जब उन्हें चंद्रमा की महादशा शुरू हुई। मंगल ने अपनी ताकत चंद्रमा को दी हुई है। मंगल की कमजोरी के कारण मोदी अपने प्रोजैक्टों को पूरा नहीं कर पाते हैं। वह एक प्रोजैक्ट के बाद दूसरे प्रोजैक्ट को पकड़ लेते हैं जबकि पहला प्रोजैक्ट अधूरा ही रह जाता है। चाहे वह स्वच्छ भारत अभियान हो, मेक इन इंडिया या बुलेट ट्रेन या स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट हो। चंद्रमा में शनि की अंतर्दशा 1 दिसम्बर, 2015 से 2 जुलाई, 2017 तक चलनी है। मोदी शनि की साढ़ेसती से भी गुजर रहे हैं इसीलिए इस समय उन्होंने जोखिमपूर्ण नोटबंदी का फैसला ले लिया। शनि उन्हें धीमी रफ्तार से चलने की सलाह दे रहा है जबकि चंद्रमा उन्हें तेजी की तरफ ले जा रहा है।

भारतीय जनता पार्टी : भाजपा का लग्न मिथुन है तथा उसे सूर्य महादशा चल रही है। सूर्य दशम घर में है जोकि सत्ता को इंगित करता है। पार्टी की कुंडली के तीसरे घर में 4 ग्रह बैठे हुए हैं जबकि तीसरे घर का मालिक छठे में है। तीसरा घर पराक्रम का होता है। सूर्य दशा में ऐसा लगता है कि भाजपा अपनी मौजूदा स्थिति से नीचे गिरेगी। भाजपा नेता यह समझेंगे कि उनकी ताकत बढ़ रही है परंतु वह औंधे मुंह गिरेंगे। सूर्य तथा बुध का समय 6 जून, 2016 से 13 अप्रैल, 2017 तक चलना है। बुध नौवें घर में है परंतु वह नीच राशि के साथ-साथ केतु से ग्रसित है। इसलिए बुध भाजपा की लोकप्रियता को नीचे ले आएगा। उसके बाद सूर्य में केतु की अंतर्दशा 13 अप्रैल, 2017 से 19 अक्तूबर, 2017 तक रहेगी। यह समय भी भाजपा व उसके नेताओं के लिए हालात को खराब करेगा। पार्टी के भीतर मोदी की लीडरशिप को चुनौती मिलेगी। मोदी प्रधानमंत्री बने रहेंगे परंतु उनके खिलाफ बगावती सुर तेज हो जाएंगे।

कांग्रेस : कांग्रेस का जन्म लग्न मकर है। अब उसे बुध का समय 2 मई, 2017 तक चलना है। उसके बाद बृहस्पति में केतु की अंतर्दशा वर्षांत तक चलेगी इसलिए 2017 में कांग्रेस में उभार आएगा। कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी का स्वास्थ्य ङ्क्षचता का विषय रहेगा। आने वाले महीनों में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी अहम भूमिका अदा करेंगे। अप्रैल के बाद पार्टी में उनकी बड़ी भूमिका रहेगी। अंतत: राहुल पार्टी के सुप्रीम नेता बन जाएंगे। 2017 में कांग्रेस अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा हासिल कर लेगी। दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल की कुंडली में शनि के कारण नीच भंग राजयोग बन रहा है। उनका असली समय 2019 में शुरू होना है। 2018 तक वह अपनी गलतियों से सबक लेंगे। आने वाले महीनों में राहुल गांधी की कुंडली मुलायम व उनके पुत्र से मैच करती है। नोटबंदी कांग्रेस तथा मायावती के लिए फायदेमंद सिद्ध होगी। उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के लिए समाजवादी पार्टी आगे उभर कर आएगी। मायावती की स्थिति भी मजबूत रहेगी। कुल मिलाकर अखिलेश जीतेंगे। कांग्रेस के अच्छे दिनों की शुरुआत होगी।