गोरखपुर में दर्दनाक हादसा, 5 दिनों में नवजात बच्चों समेत 63 मासूमों की मौत

punjabkesari.in Saturday, Aug 12, 2017 - 03:12 PM (IST)

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहनगर गोरखपुर में ऑक्सीजन सप्लाई ठप्प होने से इंसेफ़लाइटिस के 30 बच्चोंं की दर्दनाक मौत हो गई है। एक साथ इतने बच्चों की मौत से कोहराम मच गया है। इंसेफ़लाइटिस के मरीजों के लिए बने सौ बेड के आइसीयू सहित दूसरे आइसीयू व वार्डों में देर रात से रुक रुक कर आक्सीजन सप्लाई ठप्प होने से 30 से अधिक मासूमों व अन्य मरीजों ने तड़पकर दम तोड़ दिया। यह सिलसिला रात 11.30 बजे से शुरू हुआ व सुबह नौ बजे तक जारी रहा। इस बीच, गोरखपुर के जिलाधिकारी राजीव रौतेला के अनुसार पिछले 24 घंटे में 33 बच्चों की मृत्यु हुई है, जबकि मंडलायुक्त अनिल कुमार के अनुसार गत सात अगस्त से आज तक 63 मरीजों की मृत्यु हुई है। 

क्या है मौत की वजह? 
सूत्रों के अनुसार मेडिकल कालेज के नेहरु अस्‍पताल में सप्‍लाई करने वाली फर्म का 69 लाख रुपए का भुगतान बकाया था जिसके चलते गुरुवार शाम को फर्म ने अस्‍पताल में लिक्विड ऑक्‍सीजन की आपूर्ति ठप कर दी। गुरुवार से ही मेडिकल कालेज में जम्‍बो सिलेंडरों से गैस की आपूर्ति की जा रही है। 

रात 8 बजे ही खत्म हो गई थी ऑक्सीजन सप्लाई
पहली बार रात आठ बजे इंसेफलाइटिस वार्ड में आक्सीजन सिलेंडर से की जा रही सप्लाई ठप हो गई। इसके बाद वार्ड को लिक्वड आक्सीजन से जोड़ा गया। यह भी रात 11.30 बजे खत्म हो गया। यह देख वहां तैनात ऑपरेटर के होश उड़ गए। उससे जिम्मेदार अधिकारियों को फोन मिलाना शुरू किया लेकिन किसी से जवाब नहीं दिया। इस बीच रात 1.30 बजे तक सप्लाई ठप रही। वार्ड में भर्ती 50 से अधिक मरीज बेहोशी की हालत में थे। उनकी हालत अचानक बिगडऩे लगी। डॉक्टर व स्टाफ सन्नाटे में आ गए। चेहरे पर तनाव था लेकिन रात में कोई जुबान खोलने को तैयार नहीं था। इस बीच रात 1.30 बजे सिलेंडर आक्सीजन से लदी गाड़ी आई और आनन फानन में उसको आक्सीजन से जोड़ा गया। अभी डॉक्टरों ने राहत की सांस ली थी कि सुबह सात बजे दोबारा आक्सीजन खत्म हो गया। कुछ आक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम किया गया है लेकिन वह पूरी तरह नाकाफी है।

मेडिकल कॉलेज में 2 साल पहले लगा था ऑक्सीजन प्लांट
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दो साल पहले लिक्विड आक्‍सीजन का प्‍लांट लगाया गया था। इसके जरिए इंसेफेलाइटिस वार्ड सहित करीब तीन सौ मरीजों को पाइप के जरिए आक्‍सीजन दी जाती है। लगातार हो रही मौतों से वार्डों में कोहराम मचा हुआ है। चारों तरफ चीख पुकार व अफरातफरी का माहौल है। 

ऑक्सीजन सप्लायर कंपनी ने दो दिन पहले दी थी जानकारी
ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली फर्म पुष्पा सेल्स के अधिकारी दिपांकर शर्मा ने रुपया बकाया होने पर आपूर्ति ठप्प होने की सूचना दो दिन पहले ही प्रिंसिपल को दे दी थी। गुरुवार को सेंटर पाइप लाइन आपरेटर ने प्रिंसिपल एछआईसी, एचओडी एनेस्थिसिया, एंसफलाईटिस वार्ड के नोडल अधिकारी को पत्र के जरिए दोबारा लिक्विड आक्सीजन सप्लाई का स्टाक बेहद कम होने की जानकारी दी। इन सब जानकारियों और आक्सीजन सप्लाई रुकने की बात पहले से पता चल जाने के बावजूद इसकी आपूर्ति सुचारू रूप से चालू रहे इसके लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया। नतीजा ये हुआ कि शुक्रवार सुबह तक मेडिकल कालेज में कई जानें चली गईं।