बिहार: चमकी बुखार से मरने वालों की संख्या हुई 103, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दिया मदद का आश्वासन
punjabkesari.in Monday, Jun 17, 2019 - 05:32 PM (IST)
पटना/मुजफ्फरपुरः बिहार में चमकी बुखार लगातार कहर बरपा रहा है। चमकी बुखार से अब तक 103 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं चमकी बुखार की आंच अब मोतिहारी तक पहुंच गई है, जहां एक बच्ची बुखार से पीड़ित है। मुजफ्फरपुर श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल हालात का जायजा लेने पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इस समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्य को सभी संभव तकनीक और आर्थिक मदद का आश्वासन दिया है।
हर्षवर्धन ने इस रोग के कारण इलाके में पिछले कई वर्षों से हो रही बच्चों की मौत के मद्देनजर SKMCH में बीमार बच्चों के लिए वर्तमान व्यवस्था को अपर्याप्त मानते हुए कहा कि यहां कम से कम 100 बिस्तरों वाला अलग से गहन चिकित्सा कक्ष बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में 4-5 जगहों पर 'स्टेट आफ दी आर्ट वाईरोलोजी प्रयोगशाला' कुछ ही महीनों में पूरी कर ली जाएगी। SKMCH के अधीक्षक डॉ. सुनील शाही ने बताया कि उनके अस्पताल में 8 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 31 और बीमार बच्चे भर्ती कराए गए हैं।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर में AES से हुई बच्चों की मौत पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। सीएम ने इस भयंकर बीमारी से मृत हुए बच्चों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से शीघ्र ही 4-4 लाख रूपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन एवं चिकित्सकों को इस बीमारी से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश देने के साथ AES से पीड़ित बच्चों के जल्द स्वस्थ होने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
जानिए, क्या है इंसेफेलाइटिस
यह एक दिमागी बुखार है जो कि वायरल संक्रमण की वजह से फैलता है। यह मुख्य रुप से गंदगी में पनपता होता है। जैसे ही यह हमारे शरीर के सपंर्क में आता है वैसे ही यह दिमाग की ओर चला जाता है। इस बीमारी की चपेट में 1 से 14 साल के बच्चे एवं 65 वर्ष से ऊपर के लोग आते हैं।
बीमारी के लक्षण
डॉक्टरों का कहना है कि इससे बुखार, सिरदर्द, ऐंठन, उल्टी और बेहोशी जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। रोगी का शरीर निर्बल हो जाता है। वह प्रकाश से डरता है। कुछ रोगियों के गर्दन में जकड़न आ जाती है। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ रोगी लकवा के भी शिकार हो जाते हैं।
बचाव के तरीके
इंसेफेलाइटिस से बचने के लिए समय से टीकाकरण करवाना चाहिए। आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए। गंदे पानी के संपर्क में आने से बचना चाहिए। इस बीमारी से बचने के लिए मच्छरों से बचाव करें और घरों के आस पास पानी न जमा होने दें। बारिश के मौसम में बच्चों को बेहतर खान-पान दें।