इस्तीफे के बाद मायावती ने 23 को बुलाई बसपा नेताओं की बैैठक, तय करेंगी आगे की रणनीति

punjabkesari.in Friday, Jul 21, 2017 - 04:32 PM (IST)

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद आगे की रणनीति तय करने के लिए 23 जुलाई को दिल्ली के जंतर मंतर पर पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। दलितों के मुद्दे पर राज्यसभा में बात रखने का मौका न मिलने से नाराज बसपा प्रमुख ने पिछले दिनों अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। कल इस्तीफा स्वीकार होने के बाद मायावती ने दिल्ली में ही रविवार को उत्तर प्रदेश के साथ ही दूसरे राज्यों के प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। 

मायावती का इस्तीफा गांव-गांव पहुंचाने की तैयारी 
सूत्रों का कहना है दलितों के मुद्दे पर बसपा प्रमुख द्वारा इस्तीफा देने की बात को अब गांव-गांव तक पहुंचाने की तैयारी है। बसपा प्रमुख ने राज्यसभा में जो बोला उसे सोशल मीडिया आदि पर वीडियो के जरिए दलितों के बीच पहुंचाकर यह संदेश देने की कोशिश है कि मायावती ही उनकी सच्ची हितैषी हैं। दलितों की लड़ाई लडऩे के लिए बसपा प्रमुख ने अपने पद की परवाह नहीं की। दलित हित में सांसदी कुर्बान करने की छवि को उभारने के लिए पार्टी सड़कों पर भी संघर्ष करेगी। 23 जुलाई को दिल्ली में बैठक में इसकी रणनीति तैयार की जाएगी। 

सड़कों पर भी संघर्ष की तैयारी 
आंदोलन से आमतौर पर दूर रहने वाली बसपा बदले हालात में संघर्ष की राह पकड़ती दिख रही है। विधानसभा में भी बसपा आक्रामक तेवर अपनाए हुए है। उल्लेखनीय है कि खिसकते दलित वोटबैंक के कारण ही पार्टी का लोकसभा और विधानसभा चुनाव में निराशाजनक रहा है।  

मायावती के इस्तीफे से राजनीति का माहौल गर्म 
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बीते मंगलवार को राज्यसभा से अपना इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद देश की राजनीति का माहौल अचानक से गर्म हो गया था। बसपा सुप्रीमो मायावती ने यह आरोप लगाया था कि, सहारनपुर मुद्दे में उन्हें बोलने नहीं दिया गया, उन्हें जबरन चुप कराया गया। इसके साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा सरकार भी हमला बोला था। मायावती ने आरोप लगाया था कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में देश में दलितों, गरीबों का उत्पीडऩ बढ़ा है। इसके साथ ही मायावती ने सहारनपुर का मुद्दा राज्यसभा में उठाया। उनके अनुसार सहारनपुर की घटना सोची समझी साजिश का नतीजा थी। वहां पर एक दलित को फंसाया गया है। दलितों को जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी गई। यूपी में दलितों पर अत्याचार हो रहा है।