मुलायम से मिले अखिलेश, दिया राष्ट्रीय अधिवेशन का न्यौता

punjabkesari.in Thursday, Sep 28, 2017 - 02:38 PM (IST)

लखनऊ: अपने पिता पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव का ‘आशीर्वाद’ मिलने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज उनसे मुलाकात की और उन्हें आगामी पांच अक्तूबर को आगरा में होने वाले सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन का न्यौता दिया।  

सपा प्रवक्ता एवं विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश अपने पिता मुलायम से मुलाकात करने उनके घर गये और उन्हें पांच अक्तूबर को आगरा में होने वाले सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन का निमंत्रण दिया। इसी अधिवेशन में सपा के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है। सुनील के मुताबिक मुलायम ने राष्ट्रीय अधिवेशन का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। अखिलेश की मुलायम से मुलाकात कई महीनों बाद हुई है। 

मालूम हो कि सपा संस्थापक मुलायम ने गत 25 सितम्बर को लखनऊ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि चूंकि अखिलेश उनके पुत्र हैं, लिहाजा उनके साथ उनका आशीर्वाद है, लेकिन उनके कुछ निर्णयों से वह सहमत नहीं हैं। माना जा रहा था कि इस संवाददाता सम्मेलन में मुलायम सपा से अलग होकर कोई नयी पार्टी बनाएंगे लेकिन उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया था।  इससे पहले 23 सितंबर को पार्टी के प्रान्तीय अधिवेशन में अखिलेश ने मुलायम का जिक्र करते हुए कहा था कि नेताजी का आशीर्वाद उनके साथ है और वह उनके आंदोलन को ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। 

 संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुलायम के वरिष्ठ सहयोगी पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल ने उन्हें एक और प्रेस नोट उठाकर दिया था, लेकिन सपा संस्थापक ने उसे नहीं पढ़ा था। मीडिया में लीक हुए उस प्रेस नोट में अलग पार्टी बनाने की बात लिखी थी। ऐन वक्त पर मुलायम के इस रुख को अखिलेश के विरोधी शिवपाल यादव गुट के लिये झटका माना जा रहा है। पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल ने मुलायम पर अपने बेटे अखिलेश से मिले होने का आरोप लगाया है। 

मुलायम के साथ मिलकर एक अलग मोर्चा बनाने की ख्वाहिश रखने वाले लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने भी कहा था कि मुलायम ने प्रेस कांफ्रेंस में वह प्रेस नोट नहीं पढ़ा, जो उन्हें पढऩा था। अब वह पांच अक्तूबर को होने वाले सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन का इंतजार करेंगे और उसके बाद ही कोई कदम उठाएंगे।  इस बीच, अपने सियासी भविष्य के लिये मुलायम की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहे शिवपाल पर अब अपनी अलग राह तय करने का दबाव बढ़ गया है। शिवपाल के एक करीबी का कहना है कि आगामी पांच अक्तूबर को सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद शिवपाल कोई अलग पार्टी बना सकते हैं।