राजनीति में नैतिक मूल्यों के ह्रास की चुनौतियों से जूझ रहा है समाज: अखिलेश

punjabkesari.in Saturday, Aug 05, 2017 - 07:58 PM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आज समाज गैर बराबरी और राजनीति में नैतिक मूल्यों के हृास की चुनौतियों से जूझ रहा है। इन चुनौतियों का समाधान समाजवादी विचारधारा अपनाकर हो सकता है। 

अखिलेश ने समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की 85वीं जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘आज समाज गैर बराबरी और राजनीति में नैतिक मूल्यों के हृास की चुनौतियों से जूझ रहा है। व्यक्ति की गरिमा खतरे में है। समाज को विघटनकारी ताकतों से संकट है। सत्ता में एकाधिकारी प्रवृत्ति संविधान के मूल आदर्शों पर आघात करने वाली है। इन सब समस्याओं और चुनौतियों का समाधान समाजवादी विचाराधारा को अपनाकर ही हो सकता है।’’ 

राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर में जनेश्वर मिश्र पार्क स्थित जनेश्वर मिश्र की प्रतिमा पर अखिलेश यादव ने माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अॢपत किया। उन्होंने कहा कि जनेश्वर मिश्र ने केन्द्र में कई सरकारों में मंत्री रहने के बावजूद निजी संपत्ति और भ्रष्टाचार से दूर रहकर बेदाग जिंदगी जी। सांप्रदायिकता और पूंजीवादी ताकतों के खिलाफ वह हमेशा संघर्षशील रहे। सपा की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक जनेश्वर मिश्र की 85वीं जयंती सपा द्वारा राजधानी सहित प्रदेश के जिला मुख्यालयों में सादगी से मनाई गई। कल उन्नाव में अखिलेश ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि हालिया विधानसभा चुनाव में 325 सीटें जीतने वाले अब पुन: जनता के बीच जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं और सपा के एमएलसी तोड रहे हैं।  

अखिलेश ने कहा,‘‘जनता आकलन कर रही है इसीलिये 325 सीटें जीतने वाले, जिनको विधानसभा जनता के बीच से चुन कर जाना चाहिये था, वह लड़कर विधानसभा जाने की हिम्‍मत नहीं जुटा पा रहे हैं और हमारे एमएलसी तोड़ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा,‘‘हमें तो खुशी है कि जाने वाले जा रहे हैं। हम किसी को रोक नहीं रहे हैं। हम जानना चाहते हैं कि आखिरकार यह डर किस बात का है।’’

उल्लेखनीय है कि सपा के तीन एमएलसी हाल ही में विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गये हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और योगी कैबिनेट के दो अन्य मंत्री विधानसभा और विधान परिषद में से किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं और उन्हें किसी ना किसी सदन के लिए निर्वाचित होना है।