देशभर में अंबेडकर जयंती की धूम, मुस्लिमाें ने भी लिया बढ़-चढ़ कर हिस्सा

punjabkesari.in Saturday, Apr 14, 2018 - 04:55 PM (IST)

Ambedkar Jayanti In Hindi : वैसे ताे संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर की जयंती (Ambedkar Jayanti) आज पूरा देश मना रहा है लेकिन उत्तर प्रदेश का रामपुर लाेगाें में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल यहां पहली बार मुसलमानों ने जाेर शाेर से डॉ. अंबेडकर की जयंती मनाई जिसमें मुस्लिम महिलाओं ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। मुस्लिम वेलफ़ेयर फोरम द्वारा आयाेजित कार्यक्रम एक मैरिज हाल में किया गया था। सबसे खास बात ये रही है कि कार्यक्रम की शुरूआत क़ुरान की तिलावत से की गई।

कार्यक्रम के संयाेजक मौलाना तारिक़ अब्दुल्ला ने अम्बेडकर के फोटो (Ambedkar Ki Photo)  पर पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि बाबा साहेब के नाम पर जो राजनीति हो रही है काे गलत है।अम्बेडकर के इमेज (Ambedkar Image) पर पुष्प अर्पित किये और उन्हाेंने कहा कि अम्बेडकर जी पर जो राजनीति हो रही है वे गलत हो रही है। राजनीतिक पार्टियां डॉ. अंबेडकर का इस्तेमाल अपने राजनीति फायदे के लिए कर रही हैं। लेकिन हम न ताे उनके नाम काे राजनीतिक रूप से आैर न ही धार्मिक रूप में इस्तेमाल करेंगे। हमें ताे अपनी गलती का एहसास हुआ है। हमने अपनी गलती की वजह से इसे शुरू किया है जिसे अब जारी रखेंगे। हमारा ये शाेसल अलाएंस किसी के खिलाफ नहीं हाेगा। साथ ही उन्हाेंने कहा कि डॉ. अंबेडकर राजनीति से ऊपर थे आैर एक महान इनसान थे। उनकी महानता ताे सबकाे स्वीकार करना चाहिए। हमने पहले नहीं किया, अब अपनी गलती काे स्वीकार कर ये काम कर रहे हैं। 


अम्बेडकर जयंती के अवसर पर तारिक़ अब्दुल्ला ने दिया ये बयान 


मुस्लिमों द्वारा अम्बेडकर जयंती मनाने के सवाल पर तारिक़ अब्दुल्ला ने कहा कि हमें जन्म मिला था इंसानियत आैर मानवता के लिए। इसके बारे में हमे ये बताया गया था कि तुम्हारा खून एक है और तुम सब एक ही माता-पिता की संतान हो। यहां विभाजन हुआ खून का भी आैर खुदा का भी। हम सब इस तरह से विभाजन खत्म करने जा रहे हैं। ये खत्म करने का प्रयास है ताकि दिल दोबारा एक हो जाए। 



डॉ भीमराव आंबेडकर जयंती इस बार दिलचस्प क्याें


हर बार दलित आैर बसपाईयाें द्वारा अंबेडकर जयंती काे मनाया जाता था लेकिन इसबार सपा-बसपा ने गठबंधन करके जयंती काे आैर दिलचस्प बना दिया है। बात करें भाजपा आैर मुस्लिम समाज सेवी संस्थाआें की ताे वाे भी पीछे नहीं हैं। 

Ajay kumar