अखिलेश पूरा करें अपना वादा, मुलायम सिंह को सौंपे पार्टी की कमान: अपर्णा

punjabkesari.in Friday, Apr 07, 2017 - 12:06 PM (IST)

लखनऊ: विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी की करारी हार तथा पार्टी की अंदरुनी कलह के बीच मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपने वादे के अनुसार पार्टी की बागडोर अपने पिता को सौंप देनी चाहिए। अपर्णा ने सभी मतभेदों के समाधान की उम्मीद भी जताई।

अखिलेश को अपना वादा पूरा करना चाहिए
एक न्यूज चैनल से बातचीत में अपर्णा ने बताया, 'इस वर्ष जनवरी में अखिलेश भैया ने वादा किया था कि विधानसभा चुनावों के बाद वह नेताजी को एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद वापस कर देंगे। उन्होंने कहा था कि वह अपने वायदों को पूरा करते हैं। मुझे लगता है कि अब उन्हें अपने वादे को पूरा करना चाहिए।'

नेताजी के साथ जैसा व्यवहार हुआ उससे मैं निराश हूं
उन्होंने कहा, 'इस वक्त मेरे लिए मेरा परिवार ही सबकुछ है। नेताजी के शब्द ही अंतिम हैं और जब तक वह हैं किसी और चीज के बारे में नहीं सोच सकती। उनके साथ जैसा व्यवहार हुआ, उससे मैं निराश हूं। मुझे नहीं पता कि भविष्य के गर्भ में क्या है। अभी मैं केवल इतना चाहती हूं कि परिवार एक हो जाए।' 

क्या था अखिलेश का वादा? 
जनवरी में समाजवादी पार्टी के अंदरुनी कलह के बीच जब अखिलेश पार्टी प्रमुख बन गए थे, उस समय उन्होंने अपने पिता से 3 महीने का वक्त मांगा था। उन्होंने यह भी कहा था कि विधानसभा चुनावों के बाद वह पार्टी की कमान मुलायम सिंह यादव को सौंप देंगे। 

पार्टी के कुछ नेताओं पर मढ़ा चुनाव में हार का दोष
अपर्णा ने लखनऊ कैंट सीट से हार के लिए पार्टी के कुछ नेताओं को दोष दिया। उन्होंने चुनावी कैम्पेन के दौरान सहयोग नहीं करने के लिए पार्टी के सीनियर नेताओं को दोषी करार दिया। अपर्णा ने कहा, 'मैंने उस सीट से चुनाव लड़ा, जहां से एसपी कभी जीत दर्ज नहीं किया था। हमने एक टीम भी बनाया लेकिन अहम की टकराहट की वजह से यह सही से काम नहीं कर सका। मैंने इस मुद्दे को नेताजी और अखिलेश भैया के सामने भी उठाया, लेकिन कुछ भी नहीं हो सका।'

योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा 
इसके साथ ही अपर्णा ने यूपी में 'सकारात्मक और धर्मनिरपेक्ष' बदलाव लाने के लिए योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की। अपर्णा ने विश्वास जताया कि महंत मुख्यमंत्री यूपी को अपने परिवार की तरह मानते हुए इसका विकास करेंगे। उन्होंने कहा, 'योगी को वक्त दिया जाना चाहिए। अभी तक मैंने उनसे पशु कल्याण की ही चर्चा की है और मैंने उन्हें सकारात्मक पाया है। मुझे लगता है कि बूचडख़ाने पर फैसला अच्छा है और उन्हें कानूनी दायरे में लाना चाहिए। लेकिन सरकार को उन लोगों के पुनर्वास के बारे में भी सोचना चाहिए जिनकी जीविका इस वजह से प्रभावित हुई है।'