इलाहाबाद विश्विद्यालय में प्रत्याशियों का दक्षता भाषण, बम से दहशत फैलाने की कोशिश (Pics)

punjabkesari.in Tuesday, Sep 29, 2015 - 02:43 PM (IST)

इलाहाबाद (सैयद आकिब रजा): छात्र राजनीति कि पाठशाला कहे जाने वाले इलाहबाद यूनिवर्सिटी छात्र संघ का चनाव 30 सितम्बर को होना है जिसके लिए यूनिवर्सिटी के यूनियन हॉल पर परम्परानुसार अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशियों का दक्षता भाषण कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस मौके पर बड़ी संख्या में छात्रों की भीड़ को सभी प्रत्याशियों ने सम्बोधित किया। दक्षता भाषण के दौरान अपने अपने नेता का भाषण सुनकर आम छात्र खासे उत्साहित नजऱ आये। ढोल बाजे की थाप पर जमकर डांस का नजारा भी देखने को मिला। यही नहीं छात्र जोरदार नारेबाजी कर अपने नेता का उत्साह भी बढ़ा रहे थे। इस दौरान कई बार भगदड़ मची तो आपस में समर्थकों के बीच मारपीट भी हुई। छात्र संघ चुनाव के लिए एबीवीपी, एनएसयूआई, एआईएसए और समाजवादी छात्र सभा अपने-अपने पैनल से प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। 
 
जबकि समाजवादी छात्र सभा के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का पर्चा तकनीकि तौर पर ख़ारिज होने के कारण समर्थकों को मायूस होना पड़ा है। इस मौके पर परम्परानुसार पूरब के इस ऑक्सफोर्ड कैम्पस में छात्र लोकतंत्र स्थापित के लिए सभी छात्र नेताओं ने कई लोक लुभावने वादे  किये हैं। छात्र संघ भवन पर कई पूर्व छात्र संघ अध्यक्षों ने भी सभी प्रत्याशियों का उत्साह वर्धन किया। दक्षता भाषण में अध्यक्ष पद के लिए पांच और उपाध्यक्ष पद के लिए सात उम्मीदवारों ने भाषण दिया। इस दौरान कैम्पस में छात्रों के साथ छात्राएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। दक्षता भाषण आरएएफ और पीएसी सहित भारी संख्या में सुरक्षा बलों के साये में हुआ। शांतिपूर्वक दक्षता भाषण ख़त्म होने के बाद यूनिवर्सिटी के आस पास एक के बाद एक पांच देसी बम फोड़ कर दहशत फैलाने की कोशिश की गई। जिसके बाद पुलिस ने यूनिवर्सिटी मार्ग पर फ्लेग मार्च किया। 30 सितम्बर को छात्र संघ चुनाव के लिए लगभग 21 हज़ार छात्र छात्राएं अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। 
 
प्रो.आर. के.उपाध्याय (चीफ प्रॉक्टर) ने कहा कि दक्षता भाषण में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशियों ने हमेशा साथ देने के वादे के साथ विद्यार्थियों से वोट मांगे। हालांकि ,प्रत्याशियों का संक्षिप्त संबोधन भी परिसर के मुद्दों से भटका हुआ था। परिसर की समस्याओं के बजाय उनका संबोधन आरोप-प्रत्यारोप पर ही केंद्रित रहा तो कई ने संघर्षों के नाम पर वोट मांगे। दक्षता भाषण के प्रति आम छात्र-छात्राओं में पहले जैसा उत्साह नहीं दिखा। हालांकि, समर्थकों का भारी जमावड़ा रहा।