अखिलेश और मुलायम के बीच बात तो हुई, पर बनी नहीं

punjabkesari.in Tuesday, Jan 10, 2017 - 07:56 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी परिवार’ में जारी घमासान में कल दिखी ‘मुलायमियत’ के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और चुनाव आयोग में अपने मुकाबिल खड़े अपने पिता सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की लेकिन संकट दूर होने की कोई स्थिति फिर नहीं बन सकी। 

सपा के अगले मुख्यमंत्री पद के लिये मुलायम द्वारा कल यूटर्न लिये जाने के बाद उनकी अखिलेश के साथ करीब 90 मिनट तक बैठक हुई। अखिलेश अपने पिता के बुलावे पर घर से सटे उनके घर पहुंचे। इस बैठक को सपा में सुलह-समझौते के लिये बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा था, लेकिन सूत्रों के मुताबिक दोनों के बीच बात नहीं बन सकी। बैठक के बाद अखिलेश मीडिया के सवालों का जवाब दिये बगैर चुपचाप अपने आवास चले गये।

सूत्रों के मुताबिक बैठक में मुलायम ने अखिलेश से पार्टी के चुनाव निशान ‘साइकिल’ पर दावे के सिलसिले में चुनाव आयोग को दिये गये अपना प्रतिवेदन को वापस लेने और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोडऩे की शर्त रखी, मगर बात नहीं बन पायी। माना जा रहा है कि अखिलेश मुलायम की शर्तें मानने के लिये इसलिये तैयार नहीं हैं, क्योंकि उन्हें अपने पिता के करीबियों यानी पार्टी महासचिव अमर सिंह और मुलायम के भाई शिवपाल यादव पर कतई विश्वास नहीं है। अगर अखिलेश ने अध्यक्ष पद त्याग दिया तो मुलायम अध्यक्ष होने के नाते उनके फैसलों को पलट सकते हैं। 

इस प्रकरण से जुड़े एक घटनाक्रम में चुनाव आयोग ने आज पार्टी के चुनाव चिह्न पर सपा के दोनों गुटों द्वारा दायर प्रतिवेदन पर सुनवाई की तारीख 13 जनवरी नियत की। माना जा रहा है कि जिस गुट के पास 51 प्रतिशत विधायकों तथा अन्य जनप्रतिनिधियों का समर्थन होगा, उसका पलड़ा भारी रहेगा।  सपा संस्थापक मुलायम ने कल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनने की स्थिति में मुयमंत्री के चुनाव को लेकर अपना रूख बदलते हुए कहा था कि अखिलेश ही अगले मुयमंत्री होंगे। उसके बाद से सपा में सुलह की उमीदें जागी थीं। 

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