नोटबंदी के दौर में भाजपा ने एक साथ खरीदी 248 बाइक, नेताओं ने झाड़ा पल्ला!

punjabkesari.in Wednesday, Dec 14, 2016 - 02:11 PM (IST)

गोरखपुर: नोटबंदी के इस दौर में जहां जनता एक-एक रुपये के लिए मोहताज है वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने एक साथ 248 बाइक्स की खरीददारी करके सबको चौंका दिया है। मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में सामने आया है। जंगल चंवरी में भाजपा के स्टीकर लगी टीवीएस कंपनी की 248 बाइक खड़ी हैं। इनमें से करीब 188 बाइकों का पंजीयन भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय गोरखपुर के बेनीगंज नाम पर किया गया है। जब इस मामले को लेकर बेनीगंज भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र दत्त शुक्ल से बात की गई तो उन्होंने मामले की कोई जानकारी होने से साफ इंकार कर दिया। बीजेपी द्वारा इतनी बड़ी संख्या में बाइक्स खरीदना बेहद संदेहास्पद है। प्रशासन इस मामले में कड़ाई से जांच करता है तो एक बड़ा खुलासा देश के सामने आ सकता है। 

बीजेपी पार्टी कार्यालय के नाम से पंजीकृत हैं गाडिय़ां
भारतीय जनता पार्टी बेनीगंज के नाम पर 188 टीवीएस स्पोक बाइक का पंजीयन कराया गया है। गाडिय़ों की कुल संख्या 248 है, जिनमें से 188 बेनीगंज के पार्टी कार्यालय के नाम पंजीकृत हैं। सभी 245 बाइक और 3 स्कूटी गोरखपुर में खोराबार इलाके में पडऩे वाले जंगल सिकरी गांव में रखी गयी हैं। यह जगह जंगल और फोरलेन के किनारे स्थित है। एक बिल्डर के खाली पड़े प्लाट में टेंट लगाकर गाडिय़ों को रखा गया है। सभी गाडिय़ां सफ़ेद कलर की हैं, साथ ही उनकी पेट्रोल टंकी पर कमल के फूल का निशान है। वहीं जिन लोगों ने गाडिय़ों पर स्टीकर लगाये हैं, उन्हें भी ये अंदाजा नहीं है कि, गाडिय़ां किसकी हैं। 

गोरखपुर आरटीओ में हुआ है रजिस्ट्रेशन
जंगल सिकरी में खड़ी सभी 248 बाइक्स का रजिस्ट्रेशन गोरखपुर आरटीओ से किया गया है। सही गाडिय़ों को बाइक गोरखपुर प्राइवेट लिमिटेड बशारतपुर शाहपुर से लिया गया है। वहीं एक गाड़ी के रजिस्ट्रेशन की कीमत 2668 रुपये है। सभी बाइक्स को आरटीओ से यूपी 53 सीएच सीरीज का नंबर मिला है। सभी 248 बाइक्स की कुल कीमत 92 लाख रुपये है। एक बाइक की कीमत 37105 रुपये है। 

आगामी विधानसभा चुनाव में होगा इस्तेमाल 
सूत्रों की मानें तो इन बाइकों का इस्तेमाल विधानसभा चुनाव 2017 में किया जायेगा। इन बाइक्स को हर विधानसभा में 4-4 के हिसाब से बांटे जाने की भी जानकारी प्राप्त हुई है। 

बीजेपी ने झाड़ा पल्ला
सबसे बड़ी बात ये है कि जिस बीजेपी के क्षेत्रिए कार्यालय के नाम पर इन गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन हुआ है उन्हीं कार्यालय के नेताओं को इसकी जानकारी नहीं है। सभी भाजपा नेताओं ने मामले में पूरी तरह से पल्ला झाडऩे की कोशिश की है। अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में इन गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन किसने कराया। मीडिया में खबर आने के बाद मामले पर विवाद बढ़ऩे की प्रबल संभावनाएं जताई जा रही हैं। 

सुरक्षा ने कहा हमें नहीं जानकारी 
गाडिय़ों की सुरक्षा में तैनात किए गए गार्ड राजीव पांडेय से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने भी किसी तरफ की जानकारी होने से इंकार कर दिया। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि बीजेपी का ही स्टीकर लगा है। ऐसा लगता है कि चुनाव प्रचार के लिए खरीदी गई है। 

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