बीजेपी को मायावती का ठेंगा, कहा-विपक्ष में बैठना मंजूर, नहीं करूंगी गठबंधन

punjabkesari.in Tuesday, Feb 14, 2017 - 07:25 PM (IST)

कानपुर/लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने विपक्ष के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलने के आरोपों का खंडन करते हुए कहा, ‘बसपा विपक्ष में बैठना पसन्द करेगी लेकिन भाजपा से किसी हालत में नहीं मिलेगी।’  

भाजपा से गठबंधन नहीं करेगी बसपा 
मायावती ने आज कानपुर के शिवराजपुर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्ष सोशल मीडिया पर प्रदेश में सरकार बनाने के लिये भाजपा से मिलने की अपवाह फैला रही है। उन्होंने कहा कि बसपा सूबे में पूर्ण बहुमत की सरकार बनायेगी तो फिर भाजपा से किसी तरह के गठबंधन का सवाल पैदा ही नहीं होता। बसपा असफल होती है तो विपक्ष में बैठना पसन्द करेगी लेकिन भाजपा से किसी हालत में नहीं मिलेगी।

पहले चरण में बसपा को मिले काफी वोट 
उन्होंने दावा किया कि पहले चरण में जनता ने बसपा उम्मीदवारों को वोट दिया है। प्रदेश के चुनाव परिणाम आने के बाद बसपा की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की तरह बसपा हवा-हवाई बातें नहीं करती। भाजपा घबरा गयी है उसे प्रदेेश में सबसे कम सीटें मिलने वाली है। भाजपा ही सोशल मीडिया पर अफवाहें फैला रही है। बसपा को किसी सहारे की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि प्रदेश की जनता पर उन्हें पूरा भरोसा है। समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन को गिनी-चुनी ही सीटें प्रदेश में मिलेंगी। 

बसपा की सरकार बनी तो गुंडे जेल में होंगे  
मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में प्रदेश में आपराधिक घटनाओं में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई। सूबे में बसपा की सरकार बनी तो गुंडे जेल में होंगे। कानून का राज होगा और विकास कार्य तेजी से होंगे तथा अपराधी सलाखों के पीछे होंगे। अखिलेश सरकार के कार्यकाल में प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गयी। बसपा अध्यक्ष ने सपा परिवार के कलह की चर्चा करते हुए कहा कि पुत्र मोह में मुलायम सिंह ने अपने भाई शिवपाल यादव को अपमानित किया है। समाजवादी पार्टी दो भागों में बंट गई है। सपा नेता शिवपाल यादव अखिलेश के विरुद्ध ताल ठोंक चुके हैं। प्रदेश सरकार की असफलता छुपाने के लिये सपा परिवार में ड्रामा रचा गया था। 

सपा के शासनकाल में आपराधिक घटनाओं में तेजी 
सपा के शासनकाल में आपराधिक घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हुई। मथुरा, दादरी और बुलंदशहर जैसे कांड हुए। मथुरा में तो सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर पुलिस अधिकारी तक की जान चली गई। गरीब, मजलूम और अल्पसंख्यक वर्ग तो बहुत परेशान हुए। दंगे-फसाद से अल्पसंख्यकों को क्षति पहुंचाई गई। सपा में पारिवारिक कलह के बाद अब अल्पसंख्यकों का मोह इस पार्टी से भंग हो गया है। 

नोटबंदी का फैसला बिना तैयारी
मायावती ने कहा कि मोदी सरकार का नोटबंदी का फैसला बिना तैयारी किये लिया गया था। इससे देश का गरीब, किसान और मजदूर आज भी बेहाल है। राजनीतिक स्वार्थ के लिए भाजपा ने देश में कालाधन पर अंकुश लगाने की आड़ में गरीब जनता को लाइन में खड़ा कर उससे रोजी रोटी छीन ली। आज भी देश की 90 प्रतिशत जनता परेशान है। 

नोटबंदी से पहले बीजेपी नेताओं ने नोट लगाए ठिकाने 
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबन्दी के फैसले के 10 माह पहले ही धन्ना सेठों का कालाधन ठिकाने लगवा दिया था। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने देश की जनता से सौ दिनों में कालाधन वापस लाकर गरीबों के खाते में 15 से 20 लाख रुपये डालने का वायदा किया था लेकिन आज तक एक भी रूपया किसी खाते में नहीं आया है। 

अल्पसंख्यकों को शक की नजर से देख रही मोदी सरकार
मायावती ने कहा कि गठबंधन के कारण अल्पसंख्यक सपा-कांग्रेस की ओर नहीं बढ़ेगा। अल्पसंख्यक समय पर न चेते तो उन्हें फिर से नुकसान उठाना पड़ेगा। नरेन्द्र मोदी की सरकार अल्पसंख्यकों को शक की नजर से देख रही है। देश में उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। सपा ने उनके द्वारा शुरू की गई तमाम योजनाओं को नए सिरे से शुरू किया है। पेंशन योजना का नाम बदल दिया, जबकि मेट्रो रेल की योजना उनके कार्यकाल की थी। 

सपा सरकार और मोदी सरकार की गलत नीतियों से प्रदेश का नुकसान 
उन्होंने कहा कि सपा सरकार के पांच साल तथा केन्द्र की मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश का नुकसान हुआ है। प्रदेश में विकास कार्य ठप हैं। इसको लेकर प्रदेश की 22 करोड़ जनता में जबरदस्त नाराजगी है। बसपा सरकार बनने पर दलितों और पिछड़ों का आरक्षण बरकरार रहेगा और साथ ही गरीबों को आर्थिक आधार पर भी आरक्षण दिया जायेगा। गरीब किसानों का एक लाख रुपये का कर्ज बसपा सरकार माफ करेगी।  

बदले की भावना से काम कर रही सपा सरकार
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि सूबे में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार द्वारा बदले की भावना से काम किया गया। अल्पसंख्यकों और दलितों को झूठे मुकदमों में जेल भेजा गया। बसपा की सरकार बनने पर ऐसे लोगों के मामलों की समीक्षा की जाएगी और निर्दोषों को रिहा किया जाएगा।