उत्तराखंड में जून से पहले संभव नहीं निकाय चुनाव

punjabkesari.in Wednesday, Apr 04, 2018 - 08:48 PM (IST)

देहरादून: निकाय चुनाव का मामला हाईकोर्ट में जाने के बाद सरकार ने भी साफ कर दिया है कि चुनाव से पहले की सभी औपचारिकता पूरी करने में कम से कम एक माह का वक्त और लगेगा। यानी यह साफ हो गया है कि निर्धारित समय पर अब चुनाव नहीं होंगे। सभी निकायों में कम से कम एक माह के लिए प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे। अब चुनावी प्रक्रिया जून से पहले किसी भी हालत में संभव नहीं है।

 

संवैधानिक रूप से नए निकाय बोर्डों का गठन तीन मई तक हर हाल में होना है। लेकिन चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले नगर निकायों के नए सिरे से हो रहे परिसीमन का नोटिफिकेशन होना है। नोटिफिकेशन के बाद आपत्तियों के अंतिम रूप से निस्तारण में कुछ समय लगने हैं। इस पूरी प्रक्रिया में 15 दिन का समय चाहिए। फिर आरक्षण का नोटिफिकेशन होना है। उसमें सात दिन का समय चाहिए। फिर इसका विज्ञापन अखबारों में छपना है। यानी पूरी प्रक्रिया में 25 से 30 दिन का समय लगना है।

 

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने भी स्पष्ट किया है कि अप्रैल के अंत तक सरकार की तैयारी पूरी होगी। वह भी तब, जब सरकार युद्ध स्तर पर काम करे। यानी तीन मई तक किसी भी हाल में नए बोर्ड़ का गठन होना संभव नहीं है। इसका मतलब यह है कि जैसे ही तीन मई को मौजूदा बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होगा। संवैधानिक प्रावधानों के तहत सरकार की ओर से उन बोर्डों को भंग कर दिया जाएगा। चुनाव होने तक प्रशासक तैनात कर दिए जाएंगे। 

 

यह व्यवस्था एक माह से लेकर अधिकतम छह माह तक के लिए की जा सकती है। यानी सरकार की तैयारियों के हिसाब से मई के अंतिम सप्ताह में या इसके बाद ही निकाय चुनाव होंगे। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि सरकार की तैयारी में किसी स्तर पर कोई कमी नहीं है। चूंकि हाईकोर्ट के आदेश के कारण 24 निकायों में नए सिरे से परिसीमन को लेकर आपत्तियों का निस्तारण किया जा रहा है। इस कारण चुनावी प्रक्रिया में विलंब हो रहा है।

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