NGO की ग्रांट रोकने के आदेश को चुनौती, यूपी सरकार से जवाब तलब

punjabkesari.in Wednesday, Jul 05, 2017 - 08:51 PM (IST)

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने देवरिया की माँ विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान (एनजीओ) की सरकारी ग्रांट रोकने जाने की चुनौती याचिका पर राज्य सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है।

सचल पालना गृह योजना घोटाले की सीबीआई जांच के चलते प्रदेश के सभी एनजीओ की सरकारी ग्रांट प्रमुख सचिव महिला कल्याण द्वारा 13 जून 2017 के आदेश से रोक दी है। जिसे यह कहते हुए चुनौती दी गयी है कि सचल पलना गृह योजना के अलावा अन्य योजनाओं की भी ग्रांट रोक दी गयी है, जो गलत है। याचिका की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। 

न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति अशोक कुमार की खंडपीठ ने आज यह आदेश दिया। याचिका का प्रतिवाद स्थाई अधिवक्ता एवं भारत सरकार के अधिवक्ता अरविन्द गोस्वामी ने किया। याची संस्था देवरिया, गोरखपुर मे परिवार परामर्श केंद्र, वृद्ध महिला आवास, सुधार गृह, बाल गृह, बालिका केंद्र, बाल गृह शिशु विद्यालय, एडॉप्शन सेंटर चलाती है।

लखनऊ पीठ ने सचल पालना गृह योजना में करोड़ों के घोटाले की जांच सीबीआई को सौप दी है। जिस पर प्रमुख सचिव ने दोषमुक्त होने तक पालना गृह चलाने वाले सभी एनजीओ की ग्रांट रोक दी है। एनजीओ पर ईंट भ_ों, मकानों के निर्माण जैसे अन्य स्थलों पर काम करने वाली महिलाओं के छोटे बच्चों की देखरेख के लिये योजना में करोड़ो का बजट दिया लेकिन इस काम में लगी संस्थाओं ने खूब लूट की। वास्तव में कोई काम न कर सरकारी धन की बंदरबाट की। जिसकी सीबीआई जांच कर रही है।