इस शहर का दाैरा करने से चली जाती है मुख्यमंत्री की कुर्सी

punjabkesari.in Saturday, Dec 23, 2017 - 02:24 PM (IST)

नाेएडाः राजनीतिक गलियारों में नोएडा को लेकर अंधविश्वास है कि इस शहर का दाैरा करने वाले मुख्यमंत्री सत्ता से हाथ धाे बैठते हैं। कुर्सी जाने के डर ने बड़े से बड़े नेता को अन्धविश्वास में विश्वास करने पर मजबूर कर दिया। एेसा नहीं है कि इस अन्धविश्वास से छुटकारा पाने के लिए नेताआें ने काेशिश नहीं की। अंधविश्वासों से पार पाने के लिए नेताओं ने बड़े-बड़े पुजारियों के दरवाजों पर भी दस्तक दी लेकिन काेई फायदा नहीं हुआ। 

अब मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ आने वाली 25 तारीख को प्रधानमन्त्री मोदी के साथ इस अन्धविश्वास के मिथक को तोड़ने जा रहे हैं। वह बॉटेनिकल गार्डन से दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी तक जाने वाली मेट्रो सेवा का उद्घाटन करने जायेंगे।

नाेएडा दाैरे के बाद इन मुख्यमंत्रियों की गई कुर्सी-

1.वीर बहादुर सिंह
अंधविश्वास की शुरुआत होती है सन् 1985 से जब वीर बहादुर सिंह की तीन साल की सरकार उनके नाेएडा दौरे के बाद गिर गई। 

2. एनडी तिवारी 
इसके बाद कुछ ऐसा ही हाल एनडी तिवारी के साथ भी हुआ। 1989 में उन्हें भी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा। 

3. कल्याण सिंह
1995 में भी कल्याण सिंह को लेकर भी यही अफवाह उड़ाई गयी। 

4. मुलायम सिंह 
मुलायम सिंह भी इस अंधविश्वास का शिकार बने। उन्हें भी यूपी की सत्ता से हाथ धाेना पड़ा आैर नाम नाेएडा दाैरे से जाेड़ा गया। 

5. मायावती
अंधविश्वास से नफरत करने वाली मायावती का भी साथ इस टाेटके ने नहीं छाेड़ा। यूपी की सत्ता जाने पर उन्हें भी इस अंधविश्वास से जाेड़ दिया गया। 

सत्ता जाने के डर से नाेएडा नहीं गए अखिलेश फिर भी गई सत्ता
अंधविश्वास के भूत ने अखिलेश यादव काे इस कदर डरा दिया कि वह इस चक्कर में नोएडा गए ही नहीं। यमुना एक्सप्रेसवे से लेकर तमाम सरकारी योजनाओं का उद्घाटन उन्होंने राजधानी में रहते हुए ही किया। लेकिन अंत में उनका भी हाल बाकियों की तरह ही हुआ। उन्हें तो बगैर नोएडा गए ही अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा।