एक्शन में आए योगी, जन शिकायतों के आधार पर 18 अधिकारियों पर गिराई गाज

punjabkesari.in Saturday, Aug 12, 2017 - 12:17 AM (IST)

महराजगंज: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार महाराजगंज के 18 लापरवाह अधिकारियों को दंड़ित किया है। इनमें 11 को निलंबित और करीब सात अधिकारियों को उनके स्थान से हटाने का आदेश दिया। इस सभी पर जन शिकायतों को गंभीरता से लेने का आरोप है। दरअसल कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समीक्षा बैठक में शिरकत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने लोगों द्वारा मिली शिकायतों पर अधिकारियों को गंभीर नहीं पाया। 

इस पर नाराज सीएम ने एसडीएम नौतनवा विक्रम सिंह, डिप्टी एसडीएम गिरीश चंद्र श्रीवास्तव, थानाध्यक्ष फरेंदा, थानाध्यक्ष पुरंदरपुर , बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त व लेखाधिकारी रवि सिंह, बीडीओ सिसवा संजय श्रीवास्तव समेत कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। कार्रवाई की जद में कुछ अन्य अधिकारी भी आ सकते हैं। यह जानकारी जिलाधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह ने दी है।  

लापरवाही बरतने पर मुख्यमंत्री ने विनोद कुमार राव थानाध्यक्ष पुरंदरपुर, चंद्रेश यादव थानाध्यक्ष फरेंदा, गिरीश चंद्र श्रीवास्तव डिप्टी एसडीएम, विक्रम सिंह एसडीएम नौतनवा, डा. ठाकुर शैलेश कुमार सिंह कैजुअल्टी मेडिकल आफिसर, संजय श्रीवास्तव खंड विकास अधिकारी सिसवा, रवि सिंह वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा, मो. मुज्जिमिल जिला कृषि अधिकारी, बीएन ओझा अधिशासी अभियंता  लोक निर्माण, डा. अरशद कमाल, डा. बाजपेयी को निलंबित कर दिया। 

सिद्धार्थनगर में अधिकारियों के छूटे पसीने
सीएम योगी की सिद्धार्थनगर समीक्षा में कई अफसर पसीने पसीने हो गए। उन्होंने पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार को लंबित मामलों के निस्तारण में शिथिलता बरतने के लिए कड़ी चेतावनी दी। अपर निदेशक स्वास्थ्य और मुख्य चिकित्साधिकारी को उन डाक्टरों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है जो गायब रहकर वेतन ले रहे हैं। सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता को काम के नाम पर किए गए फर्जी भुगतान और पिछली सरकार में हुई नियुक्तियों का डिटेल एक सप्ताह में देने को कहा। बंदोबस्त अधिकारी ओमप्रकाश अंजोर पर लगे भ्रष्टाचार की शिकायत पर कड़ी नाराजगी जाहिर की।

पहले ही दे दिए थे योगी ने संकेत 
मुख्यमंत्री ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के जाने के बाद मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक के दिन चंदौली के सीडीओ को निलंबित करने का निर्देश देकर संकेत दे दिया था। उसके बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी भदोही के पूर्व सीडीओ समेत कई अफसरों पर वह नाराज हुए। बावजूद इसके उनके दौरे को अफसरों ने हल्के से लिया और महराजगंज के नतीजे ने साफ कर दिया कि अब पहले जैसी सहूलियत नहीं रहेगी।  

थाने से लेकर जिले तक असंतोष 
अफसरों की कार्यशैली से थाने से लेकर जिलों तक असंतोष बना है। विपक्ष की बात छोड़ दें, सत्तापक्ष के लोगों ने भी समय-समय पर प्रतिरोध का स्वर मुखर किया है। अवैध खनन के खिलाफ बांदा के नरैनी विधायक राजकरन कबीर जिला प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठे तो इलाहाबाद में नीलम करवरिया ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए शुद्धि-बुद्धि यज्ञ करा दिया। बलरामपुर में भाजपा विधायक पल्टू राम हों रामपुर में राजबाला, सभी का गुस्सा किसी न किसी समय फूटा है। बलिया में भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने भी प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।