CM योगी ने PFI बैन का किया स्वागत, जानिए क्या बोले असदुद्दीन ओवैसी?

punjabkesari.in Wednesday, Sep 28, 2022 - 06:21 PM (IST)

लखनऊः केन्‍द्र सरकार ने आतंकी और देश व‍िरोधी गत‍िव‍िध‍ियों के चलते पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को एक गैरकानूनी संस्था घोषित कर दिया है। सरकार ने PFI पर अगले पांच सालों के लिए बैन लगाया है। केंद्र सरकार के इस फैसले का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने स्वागत किया है। वहीं ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपनी प्रतिक्रया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि  PFI पर बैन का समर्थन नहीं किया जा सकता है। 
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CM योगी बोले-'यह न्यू इंडिया है, यहां आतंकवादी और अपराधी स्वीकार्य नहीं'-
CM योगी ने PFI पर बैन के बाद ट्वीट कर लिखा, "राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके अनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय और स्वागत योग्य है। यह 'नया भारत' है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं।"
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PFI पर बैन का समर्थन नहीं किया जा सकता- ओवैसी
PFI पर बैन के बाद ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा- हमने हमेशा से PFI की सोच का विरोध किया है। PFI पर बैन का समर्थन नहीं किया जा सकता है। अपराध करने वाले कुछ व्यक्तियों के काम का मतलब यह नहीं है कि संगठन को ही प्रतिबंधित किया जाए।

क्या है PFI ?
द पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) की एक शाखा है। सरकार ने सिमी को साल 2001 में प्रतिबंधित कर दिया था। पीएफआई को दक्षिण के तीन संगठनों को मिलाकर बनाया गया था। फरवरी 2009 में कोझिकोड में एक बैठक के दौरान तीन घटक राष्ट्रीय विकास मोर्चा (एनडीएफ) केरल, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी (केएफडी) कर्नाटक, और मनीथा नीथी पासराय (एमएनपी) तमिलनाडु का विलय कर पीएफआई का गठन किया गया। 

देश के 16 राज्यों में सक्रिय है PFI 
आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, दिल्ली, गोवा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में पीएफआई संगठन सक्रिय है।


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Content Writer

Ajay kumar

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