Uttarakhand Election Result: उत्तराखंड में इस बार फिर BJP के सिर सजेगा "जीत का ताज"

punjabkesari.in Thursday, Mar 10, 2022 - 07:12 PM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है। भाजपा ने 70 सीट में से 48 सीट जीत ली हैं और कांग्रेस के खाते में 18 सीटें आई हैं। एक सीट पर बसपा ने जीत हासिल की है, जबकि 3 सीट पर अन्य को बढ़त मिली है।

उत्तराखंड 70/70
BJP 48
CONG 18
AAP 0
OTH 4


LIVE UPDATES:-

  • मसूरी से भाजपा के गणेश जोशी ने कांग्रेस के गोदावरी थापली को 15,325 वोट से हरा दिया है।
  • ऋषिकेश से मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष व भाजपा कैंडिडेट प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कांग्रेस के जयेंद्र रमोला को 19,057 वोटों से हराया है।
  • देहरादून केंट सीट से भाजपा की सविता कपूर ने कांग्रेस के सूर्यकांत धस्माना को 20 हजार वोट से हरा दिया है।
  • राजपुर रोड से भाजपा के खजान दास ने कांग्रेस के राजकुमार को 11 हजार वोट से हराकर जीत हासिल की है।
  • जसपुर सीट से कांग्रेस के आदेश सिंह चौहान ने भाजपा के शैलेंद्र मोहन को 4172 वोट से हरा दिया है।
  • कांग्रेस के भुवन सिंह कापड़ी ने भाजपा के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को करीब 6 हजार वोट से हरा दिया है।
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  • ज्वालापुर सीट से कांग्रेस के रवि बहादुर ने भाजपा के सुरेश राठौर को 13,376 वोटों से हराया है।
  • रायपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी उमेश शर्मा ने कांग्रेस के हीरा सिंह बिष्ट को 28,947 वोटों से हराया है।
  • कालाढूंगी सीट से जीतकर भाजपा के कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत सातवीं बार विधायक बन गए हैं।
  • पौड़ी सीट पर भाजपा के राजकुमार पोरी ने कांग्रेस ने नवलकिशोर को 3000 से अधिक मतों से हरा दिया है।
  • हरिद्वार शहर सीट पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन कौशिक ने कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी को 16 हजार वोट से हरा दिया है।
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  • भगवानपुर सीट से कांग्रेस की ममता राकेश ने बसपा के सुबोध राकेश को 4811 वोट से हराकर जीत हासिल कर ली है।
  • हल्द्वानी सीट से कांग्रेस के सुमित हृदयेश ने भाजपा के डॉ. जोगेंद्रपाल सिंह रौतेला को 7814 वोट से हराकर जीत हासिल की है।
  • विकासनगर सीट से भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कांग्रेस के पूर्व मंत्री नवप्रभात को 4980 मतों से हरा दिया है।
  • गदरपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी अरविंद पांडेय जीत गए हैं। 
  • सितारगंज सीट पर भाजपा के सौरभ बहुगुणा जीत गए हैं।
  • चम्पावत सीट से भाजपा के कैलाश गहतोड़ी ने कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल को 5119 वोट से हराकर जीत हासिल कर ली है।
  • प्रतापनगर सीट पर भी कांग्रेस कैंडिडेट विक्रम सिंह नेगी ने भाजपा के विजय पंवार को हरा दिया है।
  • लोहाघाट सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी खुशाल सिंह अधिकारी ने 6118 वोट से जीत अपने नाम कर ली है। 
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  • पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लालकुआं सीट पर भाजपा के मोहन बिष्ट से 14 हजार से ज्यादा वोट से हार गए हैं।
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  • हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत ने कांग्रेस के टिकट पर हरिद्वार ग्रामीण सीट पर करीब 6000 वोट से भाजपा के यतीश्वरानंद को हरा दिया है।

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वर्ष 2017 के चुनावों से कम रहा मतदान प्रतिशत 
इस बार राज्य में कुल 81 लाख, 72 हजार, 173 मतदाताओं में से 65.37 फीसदी ने ही मतदान किया, जो वर्ष 2017 के चुनावों से थोड़ा कम रहा है। वर्ष 2017 में मतदान प्रतिशत 65.56 रहा था।

BJP से 13 और कांग्रेस के 6 बागी मैदान में 
पहली बार आप ने भी सभी 70 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं, जिनमें उसके मुख्यमंत्री पद के दावेदार सेवानिवृत्त कर्नल अजय कोठियाल और अन्य के भी भाग्य का फैसला हो जाएगा। इनके अलावा, कांग्रेस और भाजपा के विद्रोही और स्वतंत्र प्रत्याशियों की भी स्थिति साफ हो जाएगी। भाजपा और कांग्रेस के बागी भी परिणाम पर व्यापक असर डाल सकते हैं। इस चुनाव में भाजपा से 13 और कांग्रेस के 6 बागी मैदान में हैं। दिलचस्प बात यह कि दोनों ही दल अब कड़े मुकाबले में फंसने के बाद अपने उन बागियों से संपर्क में जुट गए हैं, जो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और मुख्य मुकाबले का हिस्सा माने जा रहे हैं। यह कवायद इसलिए है ताकि जीतने की स्थिति में इन्हें अपने पाले में लाया जा सके। 

BJP और कांग्रेस में रही है कांटे की टक्कर 
राज्य गठन के बाद से ही, भाजपा और कांग्रेस दोनों में कांटे की टक्कर रही है। वर्ष 2017 में हुए चौथी विधानसभा चुनावों में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 2 सीटों से चुनाव लड़ा। दुर्भाग्य से वह दोनों जगह से खुद तो हार ही गए, कांग्रेस के मात्र 11 सदस्य ही विजय प्राप्त कर सके। यह पहली बार हुआ जब भाजपा ने रिकॉर्ड 57 सीटों पर विजय हासिल की। जबकि उससे पहले यहां मात्र एक अथवा 2 सीटों के अंतर से ही वह कांग्रेस के आगे-पीछे रही। उत्तराखंड राज्य का गठन अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में हुआ। पहले मुख्यमंत्री के रूप में नित्यानन्द स्वामी को अंतरिम सरकार में मुख्यमंत्री बनाया गया। 

कांग्रेस को विजय पथ पर बढ़ने के दावे 
विडम्बना रही कि पहली विधानसभा के चुनावों में यहां कांग्रेस ने जीत हासिल कर सरकार बनाई। इसके बाद हुए सभी 4 चुनावों में एक बार भाजपा, एक बार कांग्रेस की तर्ज पर सरकार बनीं। निवर्तमान भाजपा की पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ने पहली बार इस मिथक को तोड़ने का संकल्प लिया है कि वह लगातार दूसरी बार सरकार बनाए। भाजपा अपने इस संकल्प को पूरा करने में कितना सफल होगी, यह तो गुरुवार तीसरे पहर तक साफ हो जाएगा। इस बीच, आए अधिकांश एग्जिट पोल में दोनों राष्ट्रीय दलों में वर्ष 2012 की तरह बहुत कम अंतर से हार-जीत का फ़ैसला होने के अनुमान लगाए गए हैं। अधिकांश में कांग्रेस को विजय पथ पर बढ़ने के दावे भी हुए हैं। अब इन सब कयासों पर कुछ घंटों के अंतराल पर तस्वीर साफ हो जाएगी। भाजपा और कांग्रेस के बागी भी परिणाम पर असर डाल सकते हैं।

इस चुनाव में भाजपा से 13 और कांग्रेस के 6 बागी मैदान में हैं। दिलचस्प बात यह कि दोनों ही दल अब कड़े मुकाबले में फंसने के बाद अपने उन बागियों से संपर्क में जुट गए हैं,जो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और मुख्य मुकाबले का हिस्सा माने जा रहे हैं। यह कवायद इसलिए, ताकि जीतने की स्थिति में इन्हें अपने पाले में लाया जा सके।


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Content Writer

Nitika

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