बुलंदशहर गैंगरेप मामले में कोर्ट ले सकती है बड़ा फैसला

punjabkesari.in Wednesday, Mar 29, 2017 - 04:42 PM (IST)

नई दिल्ली: बुलंदशहर गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट सरकारी पदों पर बैठे लोगों की बयानबाजी को लेकर दिशा-निर्देश जारी करने पर सुनवाई कर रहा है। कोर्ट में इस बात पर बहस चल रही है कि किसी भी तरह का सार्वजनिक बयान देने वाले मंत्रियों के व्यवहार और कर्तव्य पर क्या निर्देश जारी हो। बुलंदशहर में मां-बेटी के साथ हुए गैंगरेप केस में यूपी के पूर्व मंत्री के कथित विवादित बयान के बाद कोर्ट दायर याचिका की सुनवाई कर रहा है। बुधवार को सुनवाई के दौरान फली नरीमन ने कहा कि क्या हम किसी व्यक्ति की टिप्पणी करने की संवैधानिक आजादी वापस ले सकते हैं, वो आजम खान हों या कोई और। इस पर कोर्ट ने पूछा कि किसी सरकारी पद पर रह कर इस तरह का बयान किसी रेप पीड़िता पर कर सकते हैं? क्या सार्वजनिक पद पर आसीन लोगों को ऐसा करने का अधिकार है।

इससे रेप पीड़िता की गरिमा होती है प्रभावित 
कोर्ट ने कहा कि महिलाओं पर इस तरह की टिप्पणी एक संवैधानिक सवाल है क्योंकि वो एक ऐसी परेशानी से गुजर रही है, जिसमें उसकी खुद की गरिमा प्रभावित हुई हो। कोर्ट की तरफ से ये भी पूछा गया कि कोई कानून ना होने की वजह से क्या कोई कुछ भी टिप्पणी कर सकता है।

20 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में मां-बेटी से गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट में पीड़ित परिवार की ओर से किसलय पांडे ने याचिका दायर की हैै। इस गैंगरेप के मामले में यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान ने कथित रूप से ये बयान दिया था कि ये एक राजनीतिक साजिश थी। बाद में आजम खान ने अपने बयान के लिए बिना शर्त कोर्ट से माफी मांगी थी। इस मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी।